ED ने जबलपुर बिशप के बारे में ईओडब्ल्यू से मांगी जानकारी, घर से मिले थे 18 हजार 352 यूएस डालर और 118 पाउंड…

भोपाल : मध्य प्रदेश के जबलपुर डायोसिस के तत्कालीन चेयरमेन बिशप पीसी सिंह की मुसीबतें अब लगातार बढ़ती जा रही हैं। ईओडब्ल्यू की कार्रवाई के बाद आयकर विभाग भी इस मामले की जांच कर रहा है। अब इस प्रकरण में ईडी (प्रवर्तन निदेशालय) ने भी पीसी सिंह के खिलाफ फेमा में केस बुक करते हुए कार्रवाई शुरू कर दी है। ईडी ने यह कार्रवाई पीसी सिंह के घर पर भारी मात्रा में मिली विदेशी करंसी के आधार पर की है।

प्रवर्तन निदेशालय ने मध्य प्रदेश पुलिस की आर्थिक अपराध शाखा से उत्तर भारत के जबलपुर डायोसिस के चर्च के बिशप के बारे में कुछ जानकारी मांगी है। बिशप को धोखाधड़ी मामले में गिरफ्तार किया गया है। ईओडब्ल्यू ने सोमवार को बिशप पीसी सिंह को गिरफ्तार किया था। ईओडब्ल्यू के पुलिस अधीक्षक देवेंद्र सिंह राजपूत ने शुक्रवार को बताया, ‘ईडी ने बिशप पीसी सिंह के संबंध में हमारे कार्यालय से कुछ जानकारी मांगी है। 

हालांकि, अधिकारी ने ईडी द्वारा मांगी गई जानकारी का ब्योरा देने से इनकार कर दिया। जांच के दौरान ईओडब्ल्यू ने पाया कि बिशप और उनके परिवार के पास दो करोड़ रुपये से अधिक की सावधि जमा और 128 बैंक खाते हैं। राजपूत ने कहा कि ईओडब्ल्यू बिशप को शुक्रवार शाम को अदालत में पेश करेगा क्योंकि उसकी जांच एजेंसी की चार दिन की हिरासत खत्म हो रही है। उन्होंने कहा कि अदालत ने गुरुवार को सिंह की जमानत अर्जी खारिज कर दी।

धोखाधड़ी के मामले में सोमवार को एक अदालत ने सिंह को चार दिन की ईओडब्ल्यू रिमांड पर लिया। उन्होंने कहा कि उस दिन की शुरुआत में उन्हें महाराष्ट्र के नागपुर हवाई अड्डे से हिरासत में लिया गया था और बाद में गिरफ्तार कर लिया गया था। पिछले हफ्ते ईओडब्ल्यू ने दावा किया था कि सिंह के खिलाफ धोखाधड़ी का मामला दर्ज होने के बाद तलाशी के दौरान जबलपुर में बिशप के आवास से भारतीय और विदेशी मुद्राओं में लगभग 1.60 करोड़ रुपये बरामद किए गए, जो उस समय जर्मनी में थे।

अधिकारी ने बताया कि ईओडब्ल्यू ने पिछले महीने बिशप के खिलाफ मामला दर्ज किया था। ईओडब्ल्यू के एक अधिकारी ने पहले कहा था कि प्रारंभिक जांच से पता चला है कि 2004-05 और 2011-12 के बीच समाज के विभिन्न संस्थानों द्वारा छात्रों की फीस के रूप में एकत्र किए गए 2.70 करोड़ रुपये कथित तौर पर धार्मिक संस्थानों में स्थानांतरित कर दिए गए, जिसका दुरुपयोग किया गया और बिशप द्वारा निजी जरूरतों के लिए खर्च किया गया।

 

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