भोपाल : मध्य प्रदेश के जबलपुर में द बोर्ड ऑफ एजुकेशन चर्च ऑफ नॉर्थ इंडिया के तत्कालीन चेयरमैन के घर ईओडब्ल्यू ने छापा मारा था। बिशप पर रचित दस्तावेज तैयार कर मूल सोसाइटी का नाम बदलने और करीब 2 करोड़ से ज्यादा रुपये धार्मिक संस्थाओं को ट्रांसफर कर गबन करने का आरोप था। जिसके बाद बिशप को कस्टडी पर रखा है। अब बिशप पर सरकार की निगाहें टिकी हुई हैं।
दरअसल बिशप पीसी सिंह पर सरकार ने शिकंजा कसना शुरू कर दिया है। बिशप की जबलपुर शहर की करीब 1 अरब, 36 करोड़ 26 लाख रुपये कीमत की जमीन जब्त की गई है। साथ ही क्रिश्चियन सोसाइटीज की जमीन जब्त की गई है। बताया जा रहा है कि 1 लाख 70 हजार वर्गफुट जमीन पर सरकार ने आधिपत्य ले लिया है।
जानकारी के अनुसार इस आवासीय जमीन पर व्यवसायिक गतिविधियां चल रही थी। जैसे क्रिश्चियन सोसाइटी की जमीन पर बैंक, एफसीआई ऑफिस, बारात घर संचालित हो रहे थे। सोसाइटी की जमीन पर प्लाटिंग भी कर दी गई थी। और लीज की जमीन पर कॉलोनी बना दी थी। अधिकारी ने बताया कि साल 1999 में ही जमीन की लीज खत्म हो गई थी। पीसी सिंह ने लीज नवीनीकरण के लिए अपील की थी।
अधिकारी ने आगे बताया कि इस जमीन पर बिशप पीसी सिंह आलीशान मकान बनवा रहा था। करीब 2 हजार से ज्यादा वर्ग फीट जमीन पर मकान बनवा रहा था। और सबसे हैरान करने वाली बात ये भी है कि क्रिश्चियन कमेटी की जमीन खुद ने बेच कर खुद ही खरीद ली थी। जहां दो प्लाट पर निर्माण कराया जा रहा था।
इससे पहले जांच में खुलासा हुआ था कि बिशप पीसी सिंह ने ना सिर्फ अपने बेटे पीयूष को अच्छी सैलरी पर चर्च के एक स्कूल का प्रिंसिपल बनाया बल्कि अपनी पत्नी नोरा सिंह को भी अवैध लाभ दिलवाया है। बिशप की पत्नी नोरा सिंह एक बार में चर्च की 8 संस्थाओं से सैलरी लेती थी। बिशप पीसी सिंह ने अपने पद का दुरुपयोग करते हुए अपनी पत्नी नोरा सिंह को चर्च के स्कूलों सहित 8 संस्थाओं का मैनेजर बना दिया था। बिशप पीसी सिंह की पत्नी को कागजों में एक बार में 8 संस्थाओं का इम्प्लॉई बताया गया था, जिनसे हर माह उसे अच्छी सैलरी मिलती थी।