भोपाल : कांग्रेस के राष्ट्रीय अध्यक्ष का चुनाव देश के राजनीतिक गलियारों में सबसे अहम मुद्दा बन चुका है। दिग्गज नेताओं का नाम चल रहा है लेकिन अब तक किसी को लेकर सहमति नहीं बन पा रहीं है। ऐसे में मध्य प्रदेश के पूर्व मुख्यमंत्री और पीसीसी अध्यक्ष कमलनाथ को राष्ट्रीय अध्यक्ष पद का ऑफर मिला है लेकिन उन्होंने मध्य प्रदेश छोड़ने से इनकार कर दिया है।
दरअसल मीडिया से बातचीत के दौरान राष्ट्रीय अध्यक्ष को लेकर कमलनाथ ने कहा कि मुझे दिल्ली बुलाया गया लेकिन मैंने कहा कि मैं मध्य प्रदेश नहीं छोडूंगा। आगे उन्होंने कहा कि दिग्विजय सिंह अध्यक्ष बने या नहीं बनें ये उन से पूछिए। अध्यक्ष की कुर्सी पर कौन बैठेगा यह मैं नहीं जानता। मैं सिर्फ इतना जानता हूं कि मैं अध्यक्ष नहीं बनूंगा और मध्य प्रदेश ही रहूंगा।
कमलनाथ ने राजस्थान में चल रहे पोलिटिकल ड्रामें को लेकर कहा कि अनुशासनहीनता करने वाले विधायकों को नोटिस दिया जा चुका है। अशोक गहलोत क्या करें उन्होंने तो मीटिंग बुलाई है। मैं इस गुटबाजी में नहीं हूं और ना ही मैंने इस सब में इंट्रस्ट दिखाया। क्योंकि इसमें एक बार इंवाल्व होने का मतलब है, अगले एक महीने तक इंवॉल्व होना।
उन्होंने आगे बताया कि राजस्थान के मामले का भारत जोड़ो यात्रा से लेना देना नहीं है भारत जोड़ो यात्रा सफल चल रही है और जनता का भारी समर्थन मिल रहा है। मैंने राहुल गांधी से कहा था कि आप पर्चा भरिए लेकिन उन्होंने इंकार कर दिया था। राहुल गांधी ने कहा कि मैं राष्ट्रीय अध्यक्ष नहीं बनना चाहता। शशि थरूर से भी मेरी बात हुई थी उन्होंने कहा कि मैं इसलिए पर्चा भर रहा हूं ताकि चुनाव हो।
इसी कड़ी में PFI पर लगे बैन को लेकर कमलनाथ ने कहा कि आतंकवादी संस्था से जुड़े होने के सबूत होना चाहिए।बनावटी नहीं, सही सबूत होना चाहिए। PFI इतनी पुरानी संस्था है, तो इतने दिन से सरकार क्या कर रही थी। सरकार ने क्या इन्वेस्टिगेशन की जनता को बताना चाहिए।