मल्लिकार्जुन खड़गे को भीष्म पितामह बताया, क्या खुद को अर्जुन मान रहे हैं शशि थरूर?

नई दिल्ली : कांग्रेस अध्यक्ष चुनाव का मुकाबला अब पूरी तरह से खुल गया है। मल्लिकार्जुन खड़गे और शशि थरूर ने अध्यक्ष पद के लिए नामांकन दाखिल कर दिया है। इसके अलावा झारखंड के पूर्व मंत्री केएन त्रिपाठी भी मुकाबले में उतरे हैं। लेकिन मुख्य मुकाबला खड़गे औऱ शशि थरूर के बीच माना जा रहा है। खड़गे एक तरफ गांधी परिवार की सहमति से उतरे उम्मीदवार माने जा रहे हैं तो वहीं शशि थरूर जी-23 के नेता हैं। इस बीच शशि थरूर ने कहा है कि वह मुकाबले से पीछे नहीं हटेंगे, साथ ही उन्होंने खड़गे को भीष्म पितामह भी बताया है। ऐसे में सवाल उठता है कि क्या वह खुद को अध्यक्ष चुनाव की महाभारत में अर्जुन के तौर पर देख रहे हैं, जो भीष्म पितामह का आदर करने के बाद भी मैदान में उतरा है। 

नामांकन दाखिल करने के बाद शशि थरूर ने कहा, ‘वह कांग्रेस के भीष्म पितामह हैं। उनके प्रति कोई असम्मान नहीं है। मैं अपने विचारों को प्रस्तुत करूंगा।’ इसके साथ ही शशि थरूर ने कांग्रेस अध्यक्ष के चुनाव से नाम वापस लेने की अटकलों से भी इनकार किया। उन्होंने कहा कि यदि मेरा ऐसा कोई इरादा होता तो फिर नामांकन ही क्यों दाखिल करता। उन्होंने कहा कि कांग्रेस को बदलाव की पार्टी होना चाहिए। हमें उम्मीद है कि इस चुनाव से कांग्रेस और देश को आगे ले जाने में मदद मिलेगी। थरूर ने कहा कि मुझे देश के कई राज्यों के कार्यकर्ताओं का समर्थन मिला है।

शशि थरूर ने कहा कि इस चुनाव में गांधी परिवार न तो किसी का समर्थन कर रहा है और ना ही विरोध में है। उन्होंने कहा कि राहुल गांधी ने 2019 के आम चुनाव में पार्टी की हार के बाद अध्यक्ष पद से इस्तीफा दे दिया था। तब मैंने उन्हें राजी करने का प्रयास किया था। लेकिन वह नहीं माने और हम उनके फैसले का सम्मान करते हैं। थरूर ने कहा कि हम इसीलिए पारदर्शिता के साथ चुनाव की वकालत करते हैं। उन्होंने कहा कि ऐसी प्रक्रिया से चुना गया अध्यक्ष ही जनता के बीच समर्थन के लिए जा सकता है। 

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