मध्य प्रदेश का इतिहास जितना पुराना है उतना ही आकर्षक भी। मध्यप्रदेश में ऐसी कई जगह हैं जो आप आपको जरूर घूमनी चाहिये।
ग्वालियर का किला- मध्यप्रदेश के ग्वालियर शहर में गोपांचल नामक पहाड़ी पर लगभग 3 वर्ग किलोमीटर में लाल बलुए पत्थर से बना ग्वालियर का किला भारतीय राजनैतिक के उतार चढाव का प्रत्यक्ष साक्षी रहा है ।
गोपगिरि पहाड़ी के सकरी जगह में बना यह किला किसी ज़माने में भारत के सबसे सौंदर्य किले में से एक हुआ करता था । इसी बजह से इस खूबसूरत किला को मोतियों का किला कहा जाता है ।
तानसेन स्मारक – तानसेन स्मारक जिसे तानसेन की कब्र भी कहा जाता है, ग्वालियर का एक प्रमुख स्मारक है। तानसेन को उनके गुरु मुहम्मद गौस के साथ यहाँ दफनाया गया था। तानसेन अकबर के दरबार के प्रसिद्ध संगीतकार थे। वे हिंदुस्तानी संगीत के बड़े दिग्गज थे। वे अकबर के दरबार के नौ रत्नों में से एक थे। उनके गुरु सूफी संत मुहम्मद गौस थे।
ओरछा का किला– ओरछा का किला झांसी से लगभग 16 किलोमीटर दूर बेतवा नदी के पास मौजूद है. इतिहास की बात करें तो यह बेहद पुराना माना जाता है. फिर भी अगर इसके निर्माण की बात की जाए तो राजा रुद्र प्रताप सिंह का नाम प्राथमिकता से लिया जाता है।
उन्होंने इसकी सुंदरता में चार चांद लगाते हुए इसके अंदर जहांगीर महल का निर्माण करवाया, जोकि दोस्ती की एक मिसाल के रूप में देखा जाता है।
खजुराहो का मंदिर- खजुराहों में हिन्दू और जैन धर्म के प्रमुख मंदिरों का समूह है, जो खजुराहों समूह के नाम से प्रसिद्ध है। अपनी अद्भुत कलाकृति और कमोत्तेजक मूर्तियों के लिए दुनिया भर में मशहूर मध्यप्रदेश के छतरपुर के पास स्थित खजुराहों के मंदिर काफी प्राचीन है। खुजराहों के शानदार मंदिरों का निर्माण चंदेल साम्राज्य के समय में किया गया था। भगवान चंद्र के बेटा राजा चन्द्रवर्मन ने खजुराहों के ज्यादातर मंदिरों की स्थापना की थी।