प्रियंका गाँधी द्वारा शुरू किया गया लड़की हूँ लड़ सकती हूँ अभियान ने महिलाओं को किया सशक्त

उत्तर प्रदेश में चुनावी दौर चल रहा है । “लड़की हूँ लड़ सकती हूं” जैसे नारे के साथ एआज प्रियंका गांधी महिलाओं को उनका अधिकार और हक दे रही हैं । आज महिलायें सिर्फ चौका बर्तन तक ही सीमित नहीं होनी चाहिये उन्हें आगे आकर अपने हक के लिये लड़ने की आवश्यकता है और राजनीति में महिलाओं की जरूरत बहुत है अब ।

महिलाओं के लिये भाजपा की संकुचित सोच

आज लड़कियां कुरीतियों के खिलाफ आप जैसी मानसिकता वालों से लड़ रही हैं। वे शिक्षा, परिवार और नौकरी के अवसरों में समानता के लिये लड़ रही हैं। भाजपा की मानसिकता है कि महिलाओं को एक शौचालय और एक गैस सिलेंडर तक ही सीमित रखा जाए।

कांग्रेस बना रही अब महिलाओं को सशक्त

प्रियंका गांधी लड़कियों और महिलाओं के सशक्तिकरण की बात करती हैं, उनकी राजनीतिक भागीदारी और स्वावलम्बन की बात करती हैं।

क्या आज भाजपा महिलाओं और लड़कियों को उनका हक देने को तैयार हैं? भाजपा बहुमत की सरकार चला रही है लेकिन वह सदन में महिलाओं के लिए 33 प्रतिशत आरक्षण की बात क्यों नहीं करती। कांग्रेस ने महिलाओं को आगामी विधानसभा चुनाव में 40 प्रतिशत टिकट देने और नौकरी में 40 फीसद भागीदारी देने का वादा किया है, लेकिन क्या भाजपा ऐसा करेगी‘

महिला विरोधी मानसिकता छोड़कर महिलाओं की भागीदारी हर क्षेत्र में अब होनी चाहिये ।अब बात शौचालय और गैस सिलेंडर पर रुकने वाली नहीं है। अब लड़कियां अपने अधिकारों के लिए जागरूक हो गई हैं और कांग्रेस उनके पक्ष में लड़ेगी।”

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