बद्रीनाथ : प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने शुक्रवार को उत्तराखंड के प्रसिद्ध केदारनाथ धाम और बद्री विशाल के दरबार में पूजा अर्चना की। पीएम की पूजा का ‘प्रसाद’ उत्तराखंड को कई विकास कार्यों के सौगात के रूप में मिला। पीएम ने चीन सीमा पर बसे भारत के आखिरी गांव माणा से देश में सांस्कृतिक और आस्था के केंद्रों को विकसित किए जाने की चर्चा की तो परोक्ष रूप से कांग्रेस सरकार पर जमकर निशाना साधा। पीएम मोदी ने कहा कि गुलामी की मानसिकता की वजह से आस्था के केंद्रों की उपेक्षा की गई। पीएम ने किसी का नाम लिए बिना सोमनाथ मंदिर पुनर्निर्माण से लेकर राम मंदिर तक का जिक्र किया।
पीएम मोदी ने कहा कि 21वीं सदी के विकसित भारत के निर्माण के दो प्रमुख स्तंभ हैं। पहला अपनी विरासत पर गर्व और दूसरा विकास के लिए हर संभव प्रयास। पीएम मोदी ने कहा कि देश की आजादी के 75 साल पूरे होने पर उन्होंने लाल किले पर एक आह्वान किया, गुलामी की मानसिकता से पूरी तरह मुक्ति का। क्योंकि आजादी के इतने वर्षों बाद भी, हमारे देश को गुलामी की मानसिकता ने ऐसा जकड़ा हुआ है कि प्रगति का कुछ कार्य कुछ लोगों को अपराध की तरह लगता है।
पीएम मोदी ने कहा, ”लंबे समय तक हमारे यहां आस्था स्थलों के विकास को लेकर नफरत का भाव रहा। विदेशों में वहां के सांस्कृतिक स्थलों की तारीफ करते ये लोग नहीं थकते थे। लेकिन भारत में इस प्रकार के काम को हेय दृष्टि से देखा जाता था। इसकी वजह थी अपनी संस्कृति को लेकर हीन भावना, अपने आस्था अस्थलों पर अविश्वास, विरासत से विद्वेष। आजादी के बाद सोमनाथ मंदिर के निर्माण के समय क्या हुआ था वह हम सब जानते हैं। इसके बाद राम मंदिर के निर्माण के समय, इतिहास से हम सब परिचित हैं।”
पीएम ने कहा कि गुलामी की ऐसी मानसिकता ने हमारे पवित्र आस्था स्थलों को जर्जर स्थिति में ला दिया। मंदिर स्थल तक जाने के मार्ग, वहां पानी की व्यवस्था, सब तबाह हो गए। दशकों तक हमारे आध्यात्मिक केंद्रों की स्थिति ऐसी रही कि वहां की यात्रा जीवन की सबसे कठिन यात्रा बन जाती थी। जिनके प्रति करोड़ों लोगों की श्रद्धा हो, हजारों साल से श्रद्धा हो, जीवन का एक सपना हो कि उस धाम में जाकर मत्था टेकेंगे, लेकिन सरकारें ऐसी रहीं कि अपने नागरिकों को वहां तक जाने की सुविधा देना उन्हें जरूरी नहीं लगा, पता नहीं कौन सी गुलामी की मानसिकता ने उन्हें जकड़ रखा था। पीएम ने कहा कि इसके पीछे पिछली सरकारों का स्वार्थ था। लेकिन ये लोगो हमारी संस्कृति की शक्ति समझ नहीं पाए। ये हमारे लिए ढांचा नहीं, शक्ति के पुंज हैं।
पीएम मोदी ने काशी, उज्जैन, अयोध्या का जिक्र करते हुए कहा कि आस्था के केंद्र दोबारा अपने गौरव को हासिल कर रहे हैं। केदारनाथ, बद्रीनाथ और हेमकुंठ साहिब में सुविधाओं का विकास किया जा रहा है। पीएम ने कहा कि आस्था के इन केंद्रों तक पहुंचना अब श्रद्धालुओं के लिए सुगम हो रहा है। पीएम ने कहा कि देश की नई पीढ़ी के लिए भी ये श्रद्धा के आकर्षण का केंद्र बनेंगे।