हमारे आसपास के 90 फीसदी लोग दाहिने हाथ से लिखते हैं। सिर्फ 10 फीसदी जनता ऐसी है, जो बाएं हाथ से लिखती है। लेकिन इसी दुनिया में ऐसे भी प्रतिभाशाली लोग हैं, जो दोनों हाथों से लिखते हैं। लियोनार्डो दा विंची, बेन फ्रैंकलिन, अल्बर्ट आइंस्टीन और हिंदुस्तान के पहले राष्ट्रपति डॉ. राजेंद्र प्रसाद ऐसी ही शख्सियत रहे हैं। लेकिन कैसा हो यदि स्कूल में बचपन के दिनों से ही बच्चों को दोनों हाथों से लिखने की ट्रेनिंग दी जाए! हमारे देश में ही एक स्कूल ऐसा है, जिसमें पढ़ने वाला हर बच्चा दोनों हाथों से लिखने की क्षमता रखता है।
मध्य पद्रेश के सिंगरौली में है यह स्कूल
मध्य प्रदेश के सिंगरौली में एक गांव है बुधेला। इसी गांव में है वीणा वादिनी पब्लिक स्कूल। इस स्कूल में करीब 200 बच्चे पढ़ते हैं और हर बच्चे के पास दोनों हाथों से लिखने का हुनर है। इस स्कूल की स्थापना पूर्व सैनिक वीपी शर्मा ने 1999 की। वह डॉ. राजेंद्र प्रसाद से बहुत प्रभावित हैं। उन्हीं से प्रेरित होकर उन्होंने इस स्कूल की स्थापना की थी।
एकसाथ दोनों हाथ से दो भाषाएं लिखते हैं बच्चे
वीपी शर्मा कहते हैं, ‘वीणा वादिनी में क्लास-1 से हम छात्रों को दोनों हाथों से लिखने की ट्रेनिंग देना शुरू कर देते हैं। जब तक वह क्लास-3 में पहुंचते हैं, दोनों हाथों से लिखने में सहज महसूस करने लगते हैं। क्लास-7 और 8 तक आते आते स्टूडेंट्स की स्पीड और एक्युरेसी भी बढ़ जाती है। हर बच्चे को एक साथ दोनों हाथों से दो लीपियों में लिखने की ट्रेनिंग दी जाती है।’ यानी स्कूल का हर बच्चा एक साथ अंग्रेजी और हिंदी दोनों लिख सकता है।
छह भाषाओं की होती है स्कूल में पढ़ाई
दोनों हाथों और एकसाथ दो लिपियों में लिखने की क्षमता डवलप करने से बच्चों को भी लाभ मिलता है। आम तौर पर जिस लेख को लिखने में किसी बच्चे को घंटों लगते हैं, उन्हें यह लगभग आधे समय में पूरा कर लेते हैं। इन बच्चों को स्कूल में देवनागरी, उर्दू, स्पेनिश, रोमन, अंग्रेजी समेत छह लिपियों और भाषाओं का ज्ञान दिया जाता है। औसतन स्कूल का एक बच्चा 11 घंटों में 24000 शब्द लिखने की क्षमता रखता है।
हर दिन 2 घंटे योग फिर पढ़ाई
यह स्कूल आठवीं कक्षा तक ही है। लेकिन यहां के बच्चों का यह हुनर किसी भी बड़े शहर के बच्चे से कहीं ज्यादा जबरदस्त है। यहां हर बच्चे को कम से कम 80 से 100 तक के पहाड़े याद हैं। सुबह 7 बजे से दिन के 2 बजे तक क्लास लगती है, जबकि उससे पहले 2 घंटे का योग भी होता है। शर्मा बताते हैं कि बच्चों के मन को एकाग्रचित करना जरूरी है, क्योंकि दोनों हाथों से लिखना है तो दिमाग को भी तेजतर्रार बनाना होगा।