बॉलीवुड के शहंशाह, सदी के महानायक जैसे नामों से पहचान बनाने वाले सुपरस्टार अमिताभ बच्चन भी स्पाइडरमैन और सुपरमैन जैसे कॉमिक बुक के सितारे बने थे ये शायद बहुत कम लोगों को पता है। तो चलिए आज हम आपको इस कॉमिक के बारे में बताते है।
बात उस समय की है जब अमिताभ बच्चन और रणधीर कपूर अपनी फिल्म ‘पुकार’ की शूटिंग गोवा में कर रहे थे। उस समय भी अमिताभ बच्चन का क्रेज़ इतना था कि जैसे ही अमिताभ शूटिंग के लिए सेट पर आते तो उन्हें देखने के लिए दर्शकों की भारी भीड़ लग जाती थी। भीड़ इतनी ज्यादा होती थी कि कभी-कभी शूटिंग करना भी मुश्किल हो जाता था।
ये सब देखकर रणधीर कपूर ने उन्हें एक नाम दे दिया ‘सुप्रीमो’। इसके बाद जब भी अमिताभ बच्चन सेट पर आते तो रणधीर कपूर कहा करते थे कि ‘सुप्रीमो आ गया।’ रणधीर कपूर द्वारा मजाक में दिये गये इस नाम को जब फिल्म मैगजीन एडिटर पम्मी बक्शी ने सुना उन्हें अमिताभ बच्चन को लेकर एक सुपरहीरो कॉमिक सीरीज शुरू करने का ख्याल आ गया।
पम्मी बक्शी ने अमिताभ बच्चन से मिलकर इस बारे में बात की। बच्चन साहब को यह आईडिया अच्छा लगा और उन्होंने इसके लिए हामी भर दी। पम्मी बक्शी ने इस आईडिया के बारे में जब गुलजार साहब को बताया तो गुलज़ार साहब भी इस कॉमिक के स्क्रिप्ट सलाहकार के रूप में जुड़ गये। चरित्र डिजाइन के लिए अमर चित्र कथा के लिए मशहूर चित्रकार प्रताप मलिक को चुना गया।
आपको बता दे कि इस कॉमिक्स सीरीज की ज्यादातर कहानियां अभिनेत्री सुधा चोपड़ा और पाठकों द्वारा भेजी गयी कहानियों पर आधारित भी होती थी। इस कॉमिक बुक को ‘द एडवेंचर ऑफ़ अमिताभ बच्चन’ और हिंदी में ‘किस्से अमिताभ के’ नाम दिया गया था, जो साल १९८० में प्रकाशित हुई थी। ये पहली बार हुआ था जब किसी बॉलीवुड सितारे के ऊपर कोई कॉमिक बुक की सीरीज बनाई गयी हो।
एक बड़ा सा चश्मा पहने और शरीर पर तंग कपडे पहने अमिताभ बच्चन के साथ इस कॉमिक बुक में उनके दो साथी भी थे जिनका नाम एंथोनी और विजय था, जो कि अमिताभ बच्चन द्वारा निभाए किरदारों के आधार पर रखे गये थे। इसके अलावा सुप्रीमो के पास सोनाली नाम की एक डॉलफिन भी थी।
सिर्फ इतना ही नहीं उस समय अमिताभ बच्चन की फिल्म कुली में एक बाज़ चर्चा में आया था तो इस कॉमिक में सुप्रीमो को शाहीन नामक एक बाज़ भी दिया गया था। सुप्रीमो बच्चों के बीच काफी लोकप्रिय भी हुए थे, मगर करीब दो साल के प्रकाशन के बाद किसी कारणवश इस कॉमिक बुक को प्रकाशित करना बंद कर दिया गया था।