भोपाल : मध्य प्रदेश में समस्त आयुर्वेदिक कॉलेज के स्नातकोत्तर-स्नातक छात्र, गृह चिकित्सक और इंटर्न अपनी चार सूत्रीय मांग को लेकर अनिश्चितकालीन हड़ताल पर हैं। ये लंब समय से स्टायपेंड बढ़ाने, समय पर परीक्षाएं कराने, नए पद सृजित करने और अन्य राज्यों की तरह मेडिकल लीव देने की मांग कर रहे हैं।
अपनी मांगों को लेकर प्रदेश के सभी आयुष महाविद्यालयों में ये 22 सितंबर से शांतिपूर्ण धरना प्रदर्शन कर रहे थे। लेकिन कोई कार्रवाई न होने पर 25 सितंबर से ये सभी अनिश्चितकालीन धरने पर बैठ गए हैं। इनका आरोप है कि प्रदेश के शासकीय आयुष महाविद्यालयों में स्वशासी स्नातकोत्तर, गृह चिकित्सकों और इंटर्न के साथ घोर उपेक्षा का व्यवहार किया जाता है। इसे लेकर वो कई बार सरकार को पत्र लिख चुके हैं लेकिन अब तक उनके हित में कोई कदम नहीं उठाया गया है। इसीलिए अब वो बेमियादी धरने पर चले गए हैं।
प्रमुख 4 मांगें
- मध्य प्रदेश के आयुर्वेद के प्रशिक्षु गृह चिकित्सकों तथा स्नातकोत्तर अध्येताओं को दिए जाने वाले स्टायपेंड को समयानुसार संशोधित न किए जाने के कारण विसंगति उत्पन्न हो रही है। अत: भारतीय केंद्रीय चिकित्सा परिषद (NCISM) के नियमानुसारआयुर्वेद अध्येताओं की शिष्यवृत्ति/मानदेय में वृद्धि कर राज्य के अन्य विभागों की तरह उपभोक्ता मूल्य सूचकांक (CPI) से जोड़ें तथा शिष्यावृत्ति में प्रतिवर्ष वृद्धि, वर्ष को उपभोक्ता मूल्य सूचकांक के आधार पर करें।
- मध्य प्रदेश आयुर्विज्ञान विश्वविद्यालय जबलपुर द्वारा स्नातक एवं स्नातकोत्तर अध्येताओं की परीक्षा एवं शैक्षणिक गतिविधियों को विश्वविद्यालय द्वारा अकादमिक कैलेंडर अनुसार पूर्ण किया जाए। सत्र 2018-19 एवं 2019-20 की विलंब से चल रही शैक्षणिक गतिविधिया समय से पूर्ण कराई जाए।
- मध्य प्रदेश शासन के अंतर्गत लोकसेवा आयोग द्वारा आयुर्वेद चिकित्सा अधिकारी हेतु प्रतिवर्ष नवीन पदों को प्रतिवर्ष उपाधि प्राप्त करने वाले स्नातक एवं स्नातकोत्तर अध्येताओं के सम्मिलित अनुपात में नवीन पदों को सृजित किया जाए एवं मध्य प्रदेश शासन के विभिन्न निकाय (नगर निगम, पुलिस विभाग, वन विभाग, जेल विभाग इत्यादि) में प्रतिवर्ष नियमित भर्ती हेतु विज्ञप्ति जारी कर परीक्षा आयोजित कराई जाए।
- प्रदेश के आयुर्वेद स्नातकोत्तर अध्येताओं को अन्य राज्यों की तरह चिकित्सकीय अवकाश (ML) प्रदान की जाए।