भारत के इन मंदिरों में मिलता है अजब गजब प्रसाद

मंदिरों में सामान्य तौर पर नारियल, मिश्री, मखाने, चने या कोई मिठाई प्रसाद के तौर पर दी जाती है|लेकिन भारत के कुछ मंदिर ऐसे है जहाँ प्रसाद कुछ ज़रा हटके दिया जाता है| कुछ मंदिरों में तो ऐसा अजब गजब प्रसाद दिया जाता है जिसकी आप कल्पना भी नहीं कर सकते| आज हम आपको भारत के कुछ ऐसे ही मंदिरों के बारे में बताने जा रहे है|

महादेव मंदिर, थ्रिसुर

केरल के थ्रिसुर महादेव मंदिर में प्रसाद के रूप में भक्तों को खाने की सामग्री की बजाय ब्रोशर्स, सीडी-डीवीडी और टेक्स्ट बुक वितरित की जाती है| मंदिर ट्रस्ट का मानना है कि ज्ञान के प्रचार और प्रसार से बढ़कर अन्य कोई प्रसाद हो ही नहीं सकता|

बालसुब्रमणियम मंदिर, अलेप्पी, केरला 

भारत में केरल के अलेप्पी में बालसुब्रमणियम मंदिर स्थित है| बालामुरुगन भगवान को चॉकलेट बहुत प्रिय है| इसीलिए यहाँ भगवान को प्रसाद के रूप में चॉकलेट ही अर्पित की जाती है और चॉकलेट का ही प्रसाद वितरित किया जाता है| 

कामाख्या देवी मंदिर, गुवाहाटी 

हर वर्ष गुवाहाटी के कामाख्या देवी मंदिर में भव्य मेले का आयोजन किया जाता है| मेले के दौरान ३ दिन के लिए माँ के दर्शन आम भक्तों के लिए बंद कर दिए जाते है और चौथे दिन जब मंदिर के द्वार खुलते है तो बहुत बड़ी संख्या में भक्तों का तांतां माँ के दर्शन के लिए लग जाता है| प्रसाद के रूप में प्रत्येक भक्त को एक गीला कपड़ा प्राप्त होता है| कहा जाता है कि ये कपड़ा माँ के रज से भीगा होता है| 

चायनीज काली मंदिर, कोलकाता

कोलकाता के टांगरा में बने चायनीज काली मंदिर में नूडल्स का प्रसाद मिलता है| 

अलागार मंदिर, मदुराई

कहा जाता है जैसा देश वैसा भेष, तमिलनाडु के मदुराई में बने भगवान विष्णु के अलागार मंदिर में प्रसाद के रूप में डोसा मिलता है| 

धनदायुथपानी स्वामी मंदिर, पलानी 

तमिलनाडु के पलानी में स्थित भगवान मुरुगन के मंदिर में प्रसाद के रूप में पांच फल, गुड़ और शुगर कैंडी को मिलकर जैम जैसी खाद्य सामग्री प्रसाद के रूप में दी जाती 

श्री कृष्ण मंदिर, अम्बालापुझा  

केरल के तिरुवंतपुरम के समीप ही बने अम्बालापुझा में भगवान कृष्ण के मंदिर में प्रसाद के तौर पर दूध, चीनी और चावल से निर्मित पायसम मिलता है| 

करणी माता मंदिर, बीकानेर

राजस्थान के बीकानेर में स्थित यह मंदिर चूहों वाला मंदिर,  करणी माता और चूहों वाली माता के नाम से भी जाना जाता है| मंदिर में करीब २० हजार से भी ज्यादा चूहें रहते है| इस मंदिर की सबसे बड़ी खासियत यह है कि यहाँ चूहों का झूठा प्रसाद भक्तों को दिया जाता है| यहाँ पर रहने वाले चूहों को माता की संतान माना जाता है|