भोपाल : चुनाव का महाकुंभ चल रहा है और इस वैतरणी को पार करना आसान नहीं। बीजेपी और कांग्रेस दोनों प्रमुख दल जीजान से इस चुनावी इम्तिहान को पास करने की कोशिश कर रहे हैं। इस बीच एक दूसरे पर आरोप प्रत्यारोप, तेज़, कटाक्ष तो देखने को मिलते ही हैं..लेकिन कई बार कुछ अलग दृश्य भी नज़र आते हैं। ऐसा ही कुछ दिखा आज उज्जैन में।
सीएम ने क्षिप्रा नदी में लगाई डुबकी
महाकाल के लिए जाना जाने वाला उज्जैन क्षिप्रा नदी के तट पर बसा हुआ है। इसे मालवा की गंगा भी कहा जाता है। पुराणों में उल्लेख है कि क्षिप्रा नदी का उल्लेख मात्र करने से मनुष्य की हर मनोकामना पूर्ण हो जाती है। प्रदेश के मुखिया मोहन यादव उज्जैन से हैं और महाकाल के अनन्य भक्त हैं। इसी के साथ क्षिप्रा नदी के प्रति उनकी आस्था भी किसी से छिपी नहीं। गुरुवार को जब वो अपने गृहनगर पहुँचे तो क्षिप्रा नदी में छलांग लगा दी। सीएम मोहन यादव ने न सिर्फ़ इस पवित्र नदी में डुबकी लगाई, बल्कि तैराकी भी की।
3 मई से पंचकोशी यात्रा का शुभारंभ
मुख्यमंत्री डॉ. मोहन यादव उज्जैन के दत्त अखाड़ा पहुंचे और क्षिप्रा नदी में स्नान कर पुण्यलाभ लिया। उन्होंने मां क्षिप्रा का पूजन-अर्चन कर चुनरी चढ़ाई। सीएम ने कहा कि उज्जैन की पहचान माँ क्षिप्रा से है। ये महाकाल की नगरी है। हमारी परंपरा है कि स्नान के बाद ही तीर्थदर्शन करते हैं। 3 मई से पंचकोशी परिक्रमा प्रारंभ हो रही है और इससे पहले मुख्यमंत्री ने घाटों का निरीक्षण किया। उन्होंने कहा कि हमारी सरकार के प्रयासों के बल पर क्षिप्रा नदी में पूरे साल जल भरा रहता है। महाकाल के दर पर सबकी मुराद पूरी होती है।
कांग्रेस पर साधा निशाना
इस अवसर पर उन्होंने उन लोगों पर निशाना भी साधा जो चुनावी राजनीति के लिए क्षिप्रा नदी के प्रदूषण का सवाल उठा रह हैं। उन्होंने कहा कि पवित्र नदी को लेकर लोग राजनीति न करें। बता दें कि पिछले दिनों कांग्रेस प्रत्याशी महेश परमार ने इस मुद्दे को लेकर प्रदर्शन किया था। इसे लेकर सीएम मोहन ने कहा कि उन्हें इस बात का संतोष है उनकी सरकार द्वारा किए गए कार्यों के बलबूते उज्जैन में पूरे साल नदी का जल मिल रहा है। आज से 20 साल पहले नवंबर के बाद दिसंबर में ही पानी नहीं मिलता था कई बार सूखा पड़ जाता था। उन्होंने कहा कि हमारे पूर्व मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान जी के प्रयासों से नर्मदा क्षिप्रा लिंक परियोजना के परिणाम स्वरूप आज का समय ऐसा है कि पूरे साल सदानीरा की तरह मां शिप्रा का जल है। सीएम ने कहा कि मई के महीने में मैं स्नान करके बता रहा हूं कि पूरे साल यहां जल उपलब्ध है और जल ही जीवन है, जल से ही तीर्थ की महत्ता बढ़ती है। मां सब पर कृपा करें मां के आंचल में जब स्नान करने का मौका मिलता है तो क्षिप्रा स्नान करने के लिए जरूर आता हूँ।