इस अभिनेता के कारण ही अमिताभ बच्चन बने महानायक

सदी के महानायक बन चुके अभिनेता अमिताभ बच्चन अपनी उम्र के इस पड़ाव में भी बॉलीवुड के सभी सितारों को कड़ी टक्कर दे रहे है। आज भी अमिताभ फिल्मकारों की पहली पसंद हुआ करते है। मगर एक दौर ऐसा भी था जब अमिताभ के इरादे एक के बाद करीब १२ फिल्मों के फ्लॉप होने बाद डगमगा गए थे।

फिल्मों की असफलता की वजह से अमिताभ बच्चन ने बॉलीवुड को छोड़ने का मन बना लिया था। साल १९६९ में फिल्म ‘सात हिन्दुस्तानी’ से अपने फ़िल्मी करियर की शुरुवात करने वाले अमिताभ बच्चन को कई फ़िल्में करने के बाद भी कुछ सालों तक तो कोई पहचान नहीं मिली थी। 

फिल्म ‘सात हिंदुस्तानी’ के लिए उन्हें ‘बेस्ट न्यूकमर’ का ‘नेशनल अवार्ड’ तो मिला मगर फिल्म असफल रही। अपनी पहली फिल्म के दौरान उनकी उम्र २७ साल की थी। उम्र के ३० वे साल में उन्होंने करीब १२ फिल्में की जिनमें से महज दो फ़िल्में हिट हुई थी। ये फ़िल्में ‘बॉम्बे टू गोवा’ (मुख्य अभिनेता) और दूसरी फिल्म ‘आनंद’ (सहायक अभिनेता) थी।

फिल्मों में असफलता की वजह से अमिताभ बच्चन के पास काम का अकाल सा पड़ गया था। ऐसे में अमिताभ बच्चन सबकुछ छोड़कर मुंबई से दिल्ली वापस जा रहे थे। इसी दौरान बॉलीवुड में भारत कुमार के नाम से पहचान बनाने वाले अभिनेता मनोज कुमार ने उन्हें रोका और अपनी फिल्म ‘रोटी कपडा और मकान’ में काम दे दिया।

इस फिल्म को बनने में समय ज्यादा लग गया और इसी बीच अमिताभ को निर्देशक प्रकाश मेहरा की फिल्म ‘जंजीर’ मिल गयी और साल १९७३ में रिलीज़ हुई इस फिल्म ने अमिताभ को सदी का महानायक बनने की पहली सीढ़ी पर चढ़ा दिया। हालांकि फिल्म ‘रोटी कपडा और मकान’ साल १९७४ में रिलीज़ हुई थी।

मनोज कुमार ने अपने एक इंटरव्यू में इस बात का खुलासा करते हुए बताया कि किस तरह उन्होंने अमिताभ को इंडस्ट्री छोड़कर जाते हुए रोककर अपनी फिल्म ‘रोटी कपडा और मकान’ में काम दिया था। अगर मनोज कुमार ने ऐसा नहीं किया होता तो शायद बॉलीवुड को सदी के महानायक के रूप में अमिताभ बच्चन नहीं मिल पाते।