नई दिल्ली : कांग्रेस अध्यक्ष चुनाव में चर्चा का सबसे बड़ा मुद्दा उम्मीदवारी है। पहले पार्टी के पूर्व अध्यक्ष राहुल गांधी फिर राजस्थान के मुख्यमंत्री अशोक गहलोत और अब तिरुवनंतपुरम सांसद शशि थरूर का नाम दौड़ में शामिल होता दिख रहा है। इसी बीच पार्टी महासचिव प्रियंका गांधी वाड्रा के नाम भी सामने आता रहा, लेकिन स्थिति साफ किसी के नाम पर नहीं हो सकी। बहरहाल, पार्टी हलकों में सबसे ऊपर नाम राहुल का ही नजर आ रहा है। इसी बीच अंतरिम अध्यक्ष सोनिया गांधी भी निष्पक्ष चुनाव की बात कर रही हैं।
राहुल के नाम का माहौल
कांग्रेस अध्यक्ष चुनाव के ऐलान के साथ ही राहुल के नाम पर चर्चाएं तेज हो गई थीं। हालांकि, साथ ही यह भी कहा जाता रहा है कि वह दोबारा कप्तान नहीं बनना चाहते हैं। बल्कि उनका मत है कि गैर-गांधी पार्टी की कमान संभाले। दावे किए गए कि इसी के चलते वह प्रियंका गांधी को नामांकन दाखिल करने से रोक रहे हैं।
इसके बाद खबरें आईं कि पार्टी नेता लगातार राहुल को अध्यक्ष पद के लिए मनाने रहे हैं। यह दौर अब तक जारी है। करीब 7 राज्यों की कांग्रेस इकाइयों में उन्हें पार्टी चीफ बनाने से जुड़े हो चुके हैं। फिलहाल, राजस्थान, छत्तीसगढ़, महाराष्ट्र, बिहार, तमिलनाडु, जम्मू और कश्मीर में इन पर मुहर लगाई गई है। अब कई और राज्यों में भी इसी तरह के प्रस्ताव सामने आ सकते हैं।
क्या इन प्रस्तावों पर भी होगा विवाद?
अब नेता इन प्रस्तावों के तार गांधी परिवार से जोड़ रहे हैं। इंडियन एक्सप्रेस से बातचीत में एक G-23 नेता ने कहा, ‘ये चीजें गांधी परिवार की जानकारी के बगैर कैसे हो सकती हैं? हम कांग्रेस में इतने समय तक तो रह चुके हैं, जो समझ जाएं कि कैसे ये काम होते हैं।’ एक अन्य नेता ने कहा, ‘अगर गांधी परिवार इन प्रस्तावों को पास नहीं होने देना चाहता, तो कोई प्रस्ताव होते ही नहीं।’
जबकि, रिपोर्ट के अनुसार, राहुल के करीबियों का कहना है कि उन्हें इस पद में दिलचस्पी नहीं है। एक नेता ने कहा, ‘ये प्रस्ताव उनकी इच्छा के खिलाफ हैं, इन्हें योजना बनाकर तैयार नहीं किया गया है। केवल कुछ लोग राजा से ज्यादा वफादार होने की कोशिश कर रहे हैं।’