श्रीनगर : गुलाम नबी आजाद के कांग्रेस छोड़ने के बाद से पार्टी में इस्तीफों की झड़ी लग गई है। सोमवार को तीन और कांग्रेसी नेताओं ने पार्टी छोड़ दी। पूर्व डिप्टी स्पीकर गुलाम हैदर मलिक सहित कांग्रेस के तीन और नेताओं ने आजाद के समर्थन में सोमवार को पार्टी से इस्तीफे की घोषणा की। जम्मू-कश्मीर के पूर्व मुख्यमंत्री, 73 वर्षीय आजाद ने शुक्रवार को कांग्रेस के साथ अपने पांच दशक लंबे जुड़ाव को समाप्त कर दिया था।
आजाद ने पार्टी की प्राथमिक सदस्यता और सभी पदों से शुक्रवार को इस्तीफा दे दिया था। उन्होंने आरोप लगाया था कि कांग्रेस नेतृत्व आंतरिक चुनाव के नाम पर धोखा दे रहा है। उन्होंने राहुल गांधी पर ‘‘अपरिपक्व और बचकाने’’ व्यवहार का आरोप भी लगाया था। कठुआ के बानी विधानसभा क्षेत्र के पूर्व विधायक मलिक और दो पूर्व एमएलसी (कठुआ से सुभाष गुप्ता और डोडा से शाम लाल भगत) ने पार्टी आलाकमान को अलग-अलग अपना इस्तीफा भेजा।
आजाद के करीबी सहयोगी और पूर्व मंत्री जी एम सरूरी ने कहा, “हमें मलिक, गुप्ता और भगत से (समर्थन के) पत्र मिले हैं।” एक सूत्र ने कहा कि पूर्व उपमुख्यमंत्री तारा चंद, पूर्व मंत्री अब्दुल मजीद वानी, मनोहल लाल शर्मा और घरू राम व पूर्व विधायक बलवान सिंह ने भी दिल्ली में आजाद से मुलाकात की और कांग्रेस से इस्तीफा देने के बाद मंगलवार को उनके प्रति अपनी वफादारी की घोषणा कर सकते हैं।
इसके अलावा कांग्रेस की जम्मू-कश्मीर इकाई को रविवार को एक और झटका लगा जब उसके वरिष्ठ नेता और पूर्व मंत्री ताज मोहिउद्दीन ने पार्टी छोड़ दी और गुलाम नबी आजाद के नेतृत्व वाले मोर्चे में शामिल हो गए। हालांकि, मोहिउद्दीन ने साफ किया कि आजाद के नेतृत्व वाला समूह भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) के साथ कोई समझौता नहीं करेगा लेकिन नेशनल कांफ्रेंस या पीडीपी के साथ गठबंधन करेगा। मोहिउद्दीन ने यहां प्रेस वार्ता में बताया, “ आज, मैंने कांग्रेस अध्यक्ष और महासचिव और अन्य को पत्र लिख कर कहा कि मैं कांग्रेस की प्राथमिक सदस्यता सहित उन सभी पदों से इस्तीफा दे रहा हूं जो मेरे पास थे।” उन्होंने कहा कि वह आजाद के नेतृत्व वाली पार्टी में शामिल होंगे।
गौरतलब है कि आजाद के कांग्रेस से इस्तीफा देने के कुछ घंटों बाद तीन पूर्व मंत्रियों सहित पार्टी के आठ वरिष्ठ नेताओं ने पार्टी की प्राथमिक सदस्यता से इस्तीफा दे दिया। सूत्रों ने संकेत दिया कि वे जल्द ही एक नई पार्टी बना सकते हैं। सूत्रों ने बताया कि आजाद के करीबी माने जाने वाले और भी नेता इस्तीफा देने पर विचार कर रहे हैं।
उन्होंने बताया कि आजाद के समर्थन में पूर्व मंत्रियों आर. एस. चिब, जी. एम. सरूरी और अब्दुल राशिद, पूर्व विधायकों मोहम्मद अमीन भट, गुलजार अहमद वानी और चौधरी मोहम्मद अकरम, विधानपरिषद के पूर्व सदस्य नरेश गुप्ता और पार्टी नेता सलमान निजामी ने इस्तीफा दे दिया।
पूर्व मंत्रियों और विधायकों सहित कांग्रेस के एक दर्जन से अधिक प्रमुख नेता, सैकड़ों पंचायती राज संस्थान (पीआरआई) के सदस्यों के अलावा, नगर निगम और जिला और ब्लॉक स्तर के नेता आजाद के साथ शामिल होने के लिए पहले ही कांग्रेस छोड़ चुके हैं।