उज्जैन : सावन का महीना खत्म हो चुका है। हर साल सावन के महीने के खत्म होने के बाद बाबा महाकाल की शाही सवारी निकाली जाती है। इस साल भी 11 सितंबर के दिन महाकाल की शाही सवारी निकाली जाएगी। इसको लेकर मंदिर समिति द्वारा तैयारियां शुरू कर दी गई है।

70 भजन मंडलियां और 5 बड़े बैंड महाकाल की शाही सवारी में होंगे शामिल
इस बार शाही सवारी में 70 भजन मंडलियां जो उज्जैन सहित इंदौर, रतलाम, खिलचीपुर, बडऩगर, जीरापुर, देवास और इसाकपुर की है और पांच बड़े बैंड जैसे गणेश बैंड, भारत बैंड, रमेश बैंड, आर.के. बैंड और राजकमल म्यूजिकल बैंड भी शामिल होंगे। इन मंडलियों में 50 से ज्यादा लोग शामिल नहीं हो सकेंगे।
इस साल शाही सवारी में लाखों लोगों के आने का अनुमान लगाया जा रहा है क्योंकि जब से महाकाल लोग बना है तब से उज्जैन महाकालेश्वर के दर्शन करने आने वालों की संख्या काफी ज्यादा बढ़ गई है। हर सवारी में लाखों लोग शामिल होने के लिए पहुंच रहे हैं।
लाखों लोगों के उज्जैन आने का अनुमान
वहीं शाही सवारी का सबसे ज्यादा महत्व माना जाता है इस वजह से इसमें 5 लाख से भी ज्यादा लोगों के शामिल होने का अनुमान इस बार लगाया जा रहा है। इतना ही है पूरे उज्जैन शहर को शाही सवारी के लिए दुल्हन की तरह सजाया जा रहा है। हर मंदिर में व्यवस्था की जा रही है। सभी जगह सुन्दर-सुन्दर लाइटिंग भी लगाई जा रही है।
फूलों से सजी पालकी में सवार होकर भ्रमण पर निकलेंगे महाकाल
आपको बता दे, बाबा महाकाल शाही सवारी में फूलों से सजी पालकी, भजन मंडलियाँ, आकर्षक बैंड, आकर्षक वेशभूषा से सजे पुलिस के घुड़सवार और सशस्त्र पुलिस के दल के साथ शहर भ्रमण पर निकलेंगे। ये सवारी हर साल की तरह इस साल भी पारंपरिक रास्तों से ही निकाली जाएगी।