निवेश-नौटंकी शुरू करने से पहले पहले निवेश का हिसाब दे सरकार: जीतू पटवारी

मध्य प्रदेश में अगले साल जनवरी में इन्वेस्टर समिट होने वाला है। इससे पूर्व ही प्रदेश की राजनीति गर्म हो गई है। पूर्व मंत्री जीतू पटवारी ने इसे नौटंकी करार देते हुए सीएम शिवराज से श्वेतपत्र लाने की मांग की है। उन्होंने कहा कि करोड़ों का निवेश होने के बाद भी बड़ा “विकास” नाम का अबोध बालक बड़ा क्यों नहीं हो पाया है।

कांग्रेस विधायक ने सीएम चौहान को पत्र लिखकर कहा कि, ‘इन्वेस्टर समिट के नाम पर झूठी लोकप्रियता अर्जित करना और जनता का पैसा बर्बाद करना, भाजपा का फ्लॉप आइडिया है। “निवेश-नौटंकी” शुरू करने से पहले, भाजपा सरकार को पुराना “हवाई निवेश” का हिसाब देना चाहिए। प्रधानमंत्री को मध्य प्रदेश बुलाने और झूठे सपने दिखाने के पहले “अनुभवी” और “दूरदर्शी” मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान को अब तक हुए निवेश की सच्चाई पर एक श्वेत पत्र भी जारी करना चाहिए।’ 

सीएम को संबोधित पत्र में पटवारी ने लिखा है कि, ‘आगामी 07-08 जनवरी 2023 को “कर्ज-निर्भर” मध्‍यप्रदेश में इन्वेस्टर समिट में आने के लिए प्रधानमंत्री को निमंत्रण दिया है। राजनीतिक स्वार्थों और जनता को भ्रमित करने के उद्देश्य से बहुत संभव है कि यह योजना व्यवहार में भी आ जाए. क्‍योंकि “रिटायरमेंट टूरिज्म” के उद्देश्य से मुख्यमंत्री मई में दावोस और जर्मनी की यात्रा के बहाने, अंतर्राष्ट्रीय भ्रमण भी शुरू कर सकते हैं। भाजपा सरकार को बताना चाहिए कि अब तक कुल कितना निवेश हुआ? कितने लोगों को रोज़गार मिला? कितना निवेश धरातल पर उतरा? आयोजन के नाम पर अब तक भाजपा ने कितना ख़र्च किया?’

कांग्रेस नेता ने, ‘निवेश के पुराने आंकड़ों का उल्‍लेख करते हुए पूछा है कि वर्ष 2007: इंदौर ग्लोबल इन्वेस्टर्स समिट में 1.22 लाख करोड़, साल 2010 : खजुराहो समिट में 2.41 लाख करोड़, वर्ष 2012 : इंदौर समिट में 2.94 लाख करोड़, साल 2014 : इंदौर इन्वेस्टर्स समिट में 4.42 लाख करोड़ और वर्ष 2016 में इंदौर की ग्लोबल इन्वेस्टर्स समिट में 5 लाख 62 हज़ार 847 करोड़ के 2630 निवेश के प्रस्ताव आने का दावा किया गया था, लेकिन इसकी हकीकत अब तक सरकार ने जनता को बताई नहीं है।’