नई दिल्ली : हिमाचल विधानसभा चुनाव में भाजपा और कांग्रेस से बागी हुए नेताओं को मनाने की मशक्कत जारी है। 29 अक्टूबर यानी शनिवार को नामांकन वापसी का आखिरी दिन है। यदि बागी नहीं माने तो दोनों दलों को कई सीटों पर नुकसान पहुंचना तय है। दरअसल पांच साल तक विभिन्न हलकों में तैयारी कर रहे नेताओं के टिकट कटे, तो कई ने पार्टी के अधिकृत उम्मीदवार के खिलाफ मोर्चा खोलते हुए नामांकन दर्ज करवा दिया। भाजपा से लगभग 12 और कांग्रेस से 11 नेताओं ने निर्दलीय नामांकन किया है। इनमें कांग्रेस के एक पूर्व मंत्री के अलावा पूर्व विधायक और पूर्व उम्मीदवार शामिल हैं।
पिछले कई दिनों से भाजपा और कांग्रेस के शीर्ष नेताओं की ओर से बागियों को मनाने की कोशिशें हो रही हैं। लेकिन दोनों दलों को अभी तक खास कामयाबी नहीं मिली है। भाजपा में बगावत को शांत करने के लिए राष्ट्रीय अध्यक्ष जेपी नड्डा ने स्वयं मोर्चा संभाल लिया है। अपने गृह जिले बिलासपुर में बागियों को मनाने की कवायद के बाद उन्होंने शिमला पहुंचकर बागी हुए भाजपा के कदावर नेता व पूर्व सांसद महेश्वर सिंह से मुलाकात की। इसका असर यह हुआ कि महेश्वर के तेवर नरम पड़ गए हैं और उन्होंने चुनाव लड़ने बारे फैसला अपने समर्थकों पर छोड़ दिया है।
रोचक बात यह है कि भाजपा नेतृत्व ने महेश्वर सिंह को पहले कुल्लू सदर सीट से उम्मीदवार घोषित किया था, लेकिन जब कुल्लू जिला के ही बंजार हल्के से उनके बेटे हितेश्वर ठाकुर ने निर्दलीय नामांकन भरा तो भाजपा ने महेश्वर सिंह का टिकट ही काट दिया है। जेपी नड्डा के अलावा मुख्यमंत्री जयराम ठाकुर, केंद्रीय मंत्री अनुराग ठाकुर और प्रभारी अविनाश राय खन्ना भी बागियों को मनाने के लिये अपनी टीम के साथ सक्रिय हैं। उधर, कांग्रेस में प्रदेश प्रभारी राजीव शुक्ला, सह प्रभारी संजय दत्त, प्रदेश अध्यक्ष प्रतिभा सिंह, नेता प्रतिपक्ष मुकेश अग्निहोत्री और प्रचार विभाग के प्रमुख सुखविंदर सिंह सुक्खू पर बागियों को मनाने का दारोमदार है। राजीव शुक्ला ने शुक्रवार को शिमला में कहा कि बागियों को मना लिया जाएगा।
भाजपा को पांवटा साहिब, बंजार, मंडी सदर, नाचन, बिलासपुर सदर, झंडूता, बड़सर, धर्मशाला, चम्बा, नालागढ़ इत्यादि सीटों पर बगावत का सामना करना पड़ रहा है तो कांग्रेस में पच्छाद, ठियोग, चौपाल, रामपुर, अर्की, आनी, भोरजं, झंडूता, चिंतपूर्णी हलकों में बागियों ने मोर्चा खोल रहा है। राज्य की 68 विधानसभा सीटों पर 12 नवम्बर को मतदान होगा जबकि चुनाव परिणाम आठ दिसम्बर को घोषित होगा।