नई दिल्ली : लोकसभा चुनाव के बीच पश्चिम बंगाल की ममता सरकार को कलकत्ता हाई कोर्ट से बड़ा झटका लगा है। दरअसल, शिक्षक भर्ती घोटाला मामले में हाई कोर्ट ने पूरा जॉब पैनल रद्द कर दिया है। कोर्ट के इस फैसले का असर करीब 23,753 शिक्षकों की नौकरीयों पर पड़ेगा। इसके साथ कोर्ट ने शिक्षकों के वेतन को लौटाने का भी आदेश दिया है।
लाखों रूपये के घूस लेने का आरोप
कलकत्ता हाईकोर्ट के जज देवांशु बसाक की बेंच ने फैसला सुनाते हुए कहा कि साल 2016 के पूरे जॉब पैनल को रद्द कर दिया है। कोर्ट ने अपने फैसले में कहा कि कक्षा 9वीं से 12वीं और समूह सी और डी तक की उन सभी नियुक्तियों को रद्द कर दिया गया जिनमें अनियमितताएं पाई गई है। इसी के साथ करीब 23 हजार नौकरियां रद्द कर दी गई है। पश्चिम बंगाल स्कूल सेवा आयोग पैनल पर करीब 5 से 15 लाख रुपये तक के घूस लेने का आरोप हैं।
शिक्षकों को सैलरी लौटाने का आदेश
इसी के साथ कोर्ट ने शिक्षकों को जो वेतन दिया गया, उसे भी लौटाने का आदेश दिया है। कोर्ट ने इन लोगों को चार हफ्ते के अंदर 12 प्रतिशत ब्याज के साथ पूरा वेतन लौटाने का आदेश दिया है। वहीं, जिला अधिकारियों को पैसे वसूलने के लिए 6 हफ्ते का समय दिया है। हाई कोर्ट ने स्कूल सेवा आयोग को दोबारा से नई नियुक्ति शुरू करने का आदेश दिया है।
क्या है पूरा मामला
बंगाल शिक्षक भर्ती घोटाला साल 2014 का है। जब पश्चिम बंगाल स्कूल सर्विस कमिशन ने सरकारी स्कूलों में शिक्षकों की भर्ती निकाली थी। इस भर्ती के लिए की जाने वाली प्रक्रिया साल 2016 में शुरू की गई थी। बंगाल शिक्षक भर्ती के मामले में घोटाले की कई शिकायतें सामने आई थीं। जिसमें ये आरोप लगाया गया था कि जिन उम्मीदवारों के नंबर कम थे वो मेरिट लिस्ट में सबसे ऊपर थे, वहीं जिनके नाम मेरिट में नहीं थे उन लोगों को भी नौकरी दी गई थी।
कई लोग हो चुके है गिरफ्तार
इस पूरे मामले में टीएमसी के कई विधायकों और नेताओं समेत शिक्षा विभाग के कई अधिकारियों की गिरफ्तारी हो चुकी है। वहीं शिक्षक भर्ती में तत्कालीन शिक्षा मंत्री रहे पार्थ चटर्जी को भी गिरफ्तार किया जा चुका है। मामले की जांच में पार्थ चटर्जी के सहयोगियों के पास से करोड़ों रुपए बरामद किए गए थे।