भोपाल। मध्यप्रदेश में प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी द्वारा नई स्टार्टअप नीति की शुरुआत की गई थी। इस योजना के तहत नए उद्यम को प्रोत्साहित किया जाता है। इस नीति में स्टार्टअप उद्यमियों के लिए कार्य क्षेत्र के किराएदार, कर्मचारियों के वेतन और उत्पादों के पेटेंट को लेकर अनुदान और शासकीय जमीन में आरक्षण सहित कई अन्य सुविधाएं उपलब्ध कराई जाती है। 13 मई को मध्यप्रदेश में प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी द्वारा नई स्टार्टअप पॉलिसी की शुरुआत की गई थी। वही 3 महीने की नई स्टार्टअप पॉलिसी के लाभ में अब राजधानी भोपाल इंदौर से आगे निकल गया है।
चुनाव प्रोफेशनल की एक कमेटी द्वारा किए गए आंकड़ों के मुताबिक अब तक सरकार द्वारा 3 महीने में 16 स्टार्टअप को अलग-अलग तरह से आर्थिक सहायता उपलब्ध कराई गई है। जिसमें राजधानी भोपाल के 10 स्टार्टअप सहित इंदौर के 5 स्टार्टअप को शामिल किया गया है। हालांकि इस स्टार्टअप पॉलिसी में जबलपुर और ग्वालियर के एक भी उद्यम को सूची में शामिल नहीं किया गया जबकि भिंड से एक उद्यम को सरकारी सब्सिडी का लाभ उपलब्ध कराया जा रहा है। नई स्टार्टअप पॉलिसी में आईटी सहित अन्य क्षेत्रों के दिग्गजों को शामिल किए जाने की कवायद जारी है। अब तक सरकार द्वारा 31 नए स्टार्टअप की फंडिंग की जा रही है।
बता दे कि नई स्टार्टअप पॉलिसी के तहत सरकार द्वारा उज्जैन की कुल फंडिंग राशि का 15% सब्सिडी के रूप में व्यापारियों को उपलब्ध कराया जाता है। पहले दौर में इन्हें एक करोड़ से 5 करोड़ रूपए तक की फंडिंग की जा चुकी है। इस मामले में मध्यप्रदेश के लघु उद्योग निगम के एमडी विशेष गढ़पाले का कहना है कि अच्छे आईडिया के लिए स्वतंत्र प्रोफेशनल की कमेटी तैयार की गई है। सरकारी मदद के पात्र आइडिया को जगह दी जाती है। अब तक 16 स्टार्टअप को आर्थिक मदद मिल चुकी है जबकि 30 के आवेदन अभी विचाराधीन है। इस पर विचार कर आगे की प्रक्रिया पूरी की जाएगी।
इस योजना के तहत नए उद्यमियों के मूल आईडिया भारत सरकार द्वारा उन्हें फंडिंग कर 15% हिस्सा सब्सिडी के रूप में दिया जाता है। वही चार बार के सहयोग के साथ ही उन्हें अधिकतम 60 लाख उपलब्ध कराए जाते हैं। हालाकि महिला उद्यमियों के लिए मिलने वाली राशि 60 लाख से बढ़कर 72 लाख रुपए होती है। इसके तहत पहले दौर में शिवराज सरकार द्वारा 19 लाख रुपए 16 स्टार्टअप के खाते में डाली जा चुकी है।
इस योजना के तहत नए उद्यम किराए की जगह पर चल रहा है तो इस नीति के तहत हर माह ₹5000 किराए के लिए उपलब्ध कराए जाएंगे। इसके अलावा चयनित स्टार्टअप को अधिकतम 25 कर्मचारियों के लिए प्रति कर्मचारी मासिक वेतन भत्ता ₹5000 उपलब्ध कराया जाएगा। साथ ही कर्मचारियों के प्रशिक्षण के लिए अलग से भत्ते दिए जाएंगे।