भोपाल : मध्य प्रदेश में आगामी विधानसभा चुनाव से पहले सरकार ने मास्टर स्ट्रोक खेला है। शिवराज सरकार ने बड़ा फैसला लेते हुए मध्य प्रदेश में होने वाली सीधी भर्ती में आर्थिक रूप से कमजोर वर्ग(EWS) को 10 फीसदी आरक्षण का लाभ देने का ऐलान किया है। आर्थिक रूप से कमजोर उम्मीदवारों को मेरिट के आधार पर आरक्षण मिलेगा।
दरअसल इस फैसले के अनुसार आर्थिक रूप से कमजोर उम्मीदवारों को न्यूनतम अंकों में 10 फीसदी की छूट मिलेगी। पद के चयनित उम्मीदवारों में से आर्थिक रूप से कमजोर उम्मीदवारों की सूची बनाई जाएगी। जिसके बाद सूची में मेरिट में रहने वाले उम्मीदवारों को आरक्षण दिया जाएगा। यह आदेश सामान्य प्रशासन विभाग ने जारी किया है।
जानकारी के अनुसार आर्थिक रूप से कमजोर वर्ग को सरकारी नौकरियों और पढ़ाई में 10 फीसदी आरक्षण देने के मामले पर सुप्रीम कोर्ट में सुनवाई चल रही है। केंद्र सरकार ने सुप्रीम कोर्ट में ईडब्लूएस को आरक्षण देने के फैसले का बचाव किया है। केंद्र सरकार ने कोर्ट में कहा कि ईडब्लूएस आरक्षण संविधान के मूल ढांचे का उल्लंघन नहीं करता है।
बता दें कि जनवरी 2019 में EWS आरक्षण की अधिसूचना जारी हुई। संविधान के 103वें संशोधन के आधार पर कार्मिक और प्रशिक्षण विभाग ने यह अधिसूचना जारी की थी। इसके जरिए नौकरी और शिक्षण संस्थानों में प्रवेश में आरक्षण दिया गया। इसका लाभ उन लोगों को मिलता है जिन्हें SC, ST या OBC आरक्षण का लाभ नहीं मिलता और उनके परिवार की सकल वार्षिक आय 8 लाख से कम है।