भोपाल : मध्य प्रदेश की राजधानी भोपाल में निजी स्कूल बस में मासूम के साथ हुए दुष्कर्म मामले को लेकर बड़ा खुलासा हुआ है। आदेश के अनुसार बस की फॉरेंसिक जांच करवाई गई थी जिसकी रिपोर्ट सामने आ गई है। बस की फॉरेंसिक जांच में बच्ची के साथ हुई घटना की पुष्टि हुई है। जिसके बाद अब एसआईटी को सीसीटीवी कैमरे की रिपोर्ट का इंतजार है। क्योंकि सीसीटीवी कैमरा के साथ छेड़छाड़ करने के संकेत भी मिल रहे है।
दरअसल स्कूल बस में बच्ची के साथ हुए दुष्कर्म को लेकर पांच विशेष गठित दल मामले की जांच कर रहे हैं। इस घटना के बाद पुलिस विभाग ने अन्य अभिभावकों को नोटिस भेजे हैं। नोटिस में पुलिस ने अभिभावकों से पूछा है कि आपके बच्चों के साथ भी कुछ गलत हुआ है तो पुलिस को बताएं।
वहीं भेजे गए नोटिस पर दो अभिभावकों ने एसआईटी से संपर्क किया। और उनके बयान दर्ज होने के बाद केस में बड़ा नया मोड़ आ सकता है। पुलिस ने हटायी गई एडमिनिस्ट्रेटर तनूजा के भी बयान दर्ज किए है। साथ ही सीसीटीवी में छेड़छाड़ की सबूत मिले पर कार्रवाई होगी। बताया जा रहा है कि स्कूल प्रबंधन पर साक्ष्य मिटाने की कार्रवाई की जाएगी।
बता दें कि भोपाल के एक निजी स्कूल के बस ड्राइवर ने 8 सितंबर को साढ़े तीन साल की बच्ची के साथ दुष्कर्म किया। इसमें बस में मौजूद महिला अटेंडर ने भी बच्ची को नहीं बचाया। इस मामले में बच्ची के माता-पिता ने स्कूल प्रबंधन को शिकायत की थी। स्कूल प्रबंधन ने मामले में लीपापोती कर क्लीन चिट दे दी थी। जिसके बाद बच्ची के परिजनों ने पुलिस को पूरी घटना बता कर केस दर्ज करवाया था।
प्रदेश में बच्चों के खिलाफ सबसे ज्यादा अपराध दर्ज हो रहें हैं। लगातार दूसरे साल एमपी बच्चों के खिलाफ होने वाले अपराध में पहले स्थान पर है। राष्ट्रीय अपराध रिकॉर्ड ब्यूरो की रिपोर्ट के अनुसार 2021 में प्रदेश में बच्चों के खिलाफ सबसे अधिक अपराध दर्ज किए गए है। 2021 में बच्चों के खिलाफ अपराध के 19,173 केस दर्ज किए गए है जो कि देश में सबसे अधिक है।
जानकारी के अनुसार यहां साल दर साल बच्चों के खिलाफ अपराधों में लगातार वृद्धि दर्ज की है और पिछले एक दशक (2011-2021) में बच्चों के खिलाफ अपराध में 337% फीसदी की वृद्धि दर्ज की गई है। मध्य प्रदेश में 2011 में कुल मामलों की संख्या 4,383 थी जो 2021 में 19,173 हो गई है।