भोपाल: मध्य प्रदेश के पौने पांच लाख पेंशनरों के लिए गुड न्यूज है। छत्तीसगढ़ के बाद अब एमपी के पेंशनरों की महंगाई राहत में जल्द पांच प्रतिशत की वृद्धि होने जा रही है।इस संबंध में वित्त विभाग द्वारा प्रस्तुत किए गए प्रस्ताव को मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान ने रविवार देर शाम अनुमति दे दी है।संभावना है कि इसी सप्ताह महंगाई राहत में वृद्धि के आदेश जारी किए जा सकते है और पेंशनरों को 1 अक्टूबर से बढ़ी हुई महंगाई राहत का लाभ मिल सकता है।

वर्तमान में एमपी के पेंशनरों को 28 फीसदी डीआर का लाभ मिल रहा है। पेंशनर की महंगाई राहत में पांच फीसदी वृद्धि के बाद कुल डीआर 28 प्रतिशत से बढ़कर 33 प्रतिशत हो जाएगी।वित्त विभाग के प्रस्ताव के अनुसार, सातवें वेतनमान में पांच और छठवें वेतनमान में 12 प्रतिशत महंगाई राहत बढ़ेगी। इसमें सातवां वेतनमान प्राप्त कर रहे पेंशनर को 28 से बढ़कर 33 फीसदी और छठवां वेतनमान लेने वाले पेंशनर को 189 से बढ़कर 201 प्रतिशत की दर से महंगाई राहत मिलेगी।
दरअसल, वर्तमान में मध्य प्रदेश के सरकारी कर्मचारियों को 34% महंगाई भत्ता मिल रहा है, लेकिन पेंशनरों को अब तक 28% डीआर ही दिया जा रहा है। प्रदेश सरकार कर्मचारियों के महंगाई भत्ते और पेंशनर की महंगाई राहत में 14 प्रतिशत की वृद्धि करने का निर्णय पहले ही कर चुकी है। अगस्त में कर्मचारियों के महंगाई भत्ते को 31 से बढ़ाकर 34 प्रतिशत किया गया था, तब पेंशनर की महंगाई राहत में वृद्धि के लिए छत्तीसगढ़ सरकार से सहमति मांगी थी, जिसे अब मंजूरी मिल गई है।
छग से अनुमति लेना अनिवार्य
बता दे कि मध्यप्रदेश राज्य पुनर्गठन अधिनियम 2000 की धारा 49(6) की संवैधानिक बाध्यता के कारण छत्तीसगढ़ सरकार से अनुमति लेना अनिवार्य है। राज्य पुनर्गठन अधिनियम की धारा 49 के अनुसार राज्य को महंगाई राहत में वृद्धि करने से पूर्व सहमति लेनी होती है, क्योंकि इससे जो आर्थिक भार आता है उसका 74 प्रतिशत हिस्सा मध्य प्रदेश और 26 प्रतिशत छत्तीसगढ़ वहन करता है। यह प्रविधान अविभाजित मध्य प्रदेश के पेंशनर पर लागू होता है। हाल ही में छत्तीसगढ़ सरकार ने महंगाई राहत में 5 प्रतिशत की वृद्धि की है और अब मध्य प्रदेश सरकार 5 प्रतिशत बढ़ोतरी करने की तैयारी में है।