भोपाल। मध्य प्रदेश सरकार बड़ी तैयारी में है। दरअसल प्रदेश में जल्द फायर एक्ट लागू किया जाएगा। प्रॉपर्टी टैक्स के साथ ही लोगों को फायर टैक्स देना होगा। इसके लिए ड्राफ्ट को तैयार किया जा चुका है। इस एक्ट में फायर टैक्स को शामिल किया गया है। हालांकि सरकारी इमारतों पर टैक्स नहीं लगाया जाएगा। लंबे समय से फायर एक्ट लागू करने की तैयारी जारी थी लेकिन एक बार फिर से अस्पतालों में आग लगने की घटना के बीच इसमें तेजी लाया गया है।
फायर एक्ट के लिए नगरीय विकास संचालनालय द्वारा नामकरण तय किए गए हैं। मध्य प्रदेश अग्निशमन और आपातकालीन सेवा अधिनियम 2022 के तहत इसे लागू किया जाना है। प्रॉपर्टी टैक्स के अलावा फायर टैक्स सेस के रूप में वसूल किया जाएगा। सरकारी इमारतों पर टैक्स नहीं लगाया जाएगा। विधि विभाग के परीक्षण के बाद ड्राफ्ट को कैबिनेट में प्रस्तुत किया जाएगा। माना जा रहा है कि सितंबर के प्रस्तावित सत्र में इसे कैबिनेट में प्रस्तुत किया जा सकता है।
इस एक्ट के तहत डायरेक्टर को मुखिया नियुक्त किया जाएगा। साथ ही हर निकाय में फायर ऑफिसर तैनात किए जाएंगे। नए अग्निशमन सेवा केंद्र भी खोले जाएंगे। इसके लिए एक फंड निर्मित किया जाएगा। ताकि सेवा का संचालन जारी रह सके। ड्राफ्ट के मुताबिक फायर एक्ट में दंड देने के अधिकार होंगे। किसी संपत्ति मालिक को चेतावनी देने के बाद भी यदि व्यवस्था में सुधार नहीं किया जा सकता है तो उसे 6 महीने की जेल और ₹50000 का जुर्माना हो सकता है। नए नियम के तहत आग लगने की घटना में यदि डायरेक्टर को लगता है कि इस मामले में लापरवाही बरती गई है तो बिल्डिंग सील करने का अधिकार भी डायरेक्टर को उपलब्ध होगा।
आग की झूठी सूचना देने पर 3 महीने की जेल हो सकती है। आग लगने की सूचना देने पर संपत्ति मालिक असफल रहता है तो उसे भारतीय दंड संहिता के तहत दोषी माना जाएगा। साथ ही 3 घंटे के नोटिस पर भवन का मौका मुआयना करने का अधिकार अफसरों को होगा। आवेदन के 30 दिन के भीतर फायर सिक्योरिटी सर्टिफिकेट उपलब्ध कराए जाएंगे। इसके अलावा कंपनी के मामले में आग लगने के समय जो लोग वहां काम करते रिपोर्ट होंगे, उन्हें भी इस मामले में दोषी माना जाएगा।