भोपाल : आगामी चुनाव से पहले मध्य प्रदेश की शिवराज सरकार हर वर्ग को खुश करने में जुटी हुई है, इसके लिए नित नए और बड़े फैसले लिए गए है।इसी कड़ी में सरकारी कर्मचारियों-अधिकारियों, शिक्षकों, महिलाओं, युवाओं, किसानों, संविदाकर्मियों-आंगनवाड़ी कार्यकर्ताओं के बाद अब शिवराज सरकार दर्जा प्राप्त कैबिनेट और राज्यमंत्रियों को बड़ी सौगात देने की तैयारी में है।
आखरी बार 2011 में हुई थी मानदेय में बढ़ोत्तरी
खबर है कि प्रदेश की शिवराज सरकार जिला- जनपद अध्यक्षों पंचायत अध्यक्षों और नगरीय निकायों के जन प्रतिनिधियों के बाद अब कैबिनेट और राज्य मंत्री का दर्जा प्राप्त अध्यक्ष और उपाध्यक्षों के मानदेय में भी वृद्धि करने जा रही है। संभावना है कि सरकार इनके मानदेय में 5 गुना वृद्धि कर सकती है। संभावना है कि इसे बढ़ाकर 35000 से 50000 तक किया जा सकता है। इससे पहले 2011 में मानदेय में वृद्धि की गई थी।
मानदेय-भत्ते में इतनी वृद्धि संभव
दरअसल, वर्तमान में मध्य प्रदेश में 39 निगम-मंडल हैं, जिनमें से 35 में कैबिनेट का दर्जा प्राप्त अध्यक्ष और 4 में अध्यक्षों को राज्यमंत्री का दर्जा मिला हुआ है। इसमें अध्यक्ष को 1000 मानदेय और 3000 भत्ता और उपाध्यक्ष को 6500 रुपए मानदेय और 3500 भत्ता मिल रहा है, जो कि निगम-मंडलों में कार्यरत चतुर्थ श्रेणी कर्मचारी के वेतन से भी कम है। बता दे कि निगम मंडल में कार्यरत चतुर्थ श्रेणी कर्मचारी का वेतन 14 हजार से 18 हजार रुपए होता है। खबर है कि अध्यक्षों और उपाध्यक्षों की मांग पर मानदेय में पांच गुना वृद्धि हो सकती है, इसके लिए निगम मंडलों के इन अध्यक्षों के साथ मुख्यमंत्री शिवराज सिंह की भी चर्चा हो चुकी है। हालांकि भी अंतिम फैसला लिया जाना बाकी है।
ग्राम रोजगार सहायक के मानदेय में वृद्धि
सीएम शिवराज सिंह चौहान की घोषणा के अनुक्रम में आज पंचायत एवं ग्रामीण विकास विभाग द्वारा ग्राम रोजगार सहायकों के मानेदय में वृद्धि के आदेश जारी कर दिये गये। राज्य मंत्रि-परिषद द्वारा 12 जुलाई 2023 को इस संबंध में निर्णय लिया गया था। उसी दिनांक से ग्राम रोजगार सहायकों का मानदेय 9000 रूपये के स्थान पर 18000 रूपये किया गया है। आदेश तत्काल प्रभावशील होगा।बता दे कि हाल ही में मंत्रि-परिषद ने ग्राम रोजगार सहायक के भरे पद एवं रिक्त पदों की पूर्ति किये जाने पर 18000 रूपये प्रतिमाह की दर से मानदेय के लिये आवश्यक अतिरिक्त वार्षिक राशि 274 करोड़ 95 लाख रूपये व्यय करने की अनुमति दी थी। यह राशि योजना क्रमांक 4610 स्टाम्प शुल्क वसूली या योजना क्रमांक 6299 गौण खनिज मद से व्यय की जायेगी।