भोपाल : राज्य सरकार द्वारा प्रदेश के किसानों को बड़ी राहत दी गई है। खरीफ 2022-23 उपार्जन में नए प्रावधान कर किसानों को लाभ देने की तैयारी की गई है। गुरुवार को मंत्रालय में खरीफ उपार्जन की समीक्षा करते हुए खाद्य एवं नागरिक आपूर्ति और उपभोक्ता संरक्षण मंत्री बिसाहूलाल सिंह ने महत्वपूर्ण दिशा निर्देश दिए हैं।
इसके तहत अब किसानों को अपनी अनाज के उपार्जन के लिए स्वयं अपनी पसंद और सुविधा के अनुसार उपार्जन केंद्र का चुनाव करने की सुविधा प्रदान की जाएगी। साथ ही किसानों को उनकी उपज के मूल्य का भुगतान पीएफएमएस से आधार लिंक बैंक खाते में किया जाएगा।
नए प्रावधान से मिलेगा लाभ
मामले में खाद्य मंत्री ने जानकारी देते हुए कहा कि खरीफ उपार्जन 2022 23 में बड़ा प्रावधान किसानों के हित और सुविधा को देखते हुए किया गया है। अब वृद्ध और असक्षम किसान अपनी फसल खरीदी नॉमिनी के माध्यम से करवा सकेंगे। इसके साथ ही उपार्जन केंद्रों पर बायोमेट्रिक डिवाइस का लगाना अनिवार्य किया गया है। बायोमेट्रिक सत्यापन की व्यवस्था ओटीपी और बायोमेट्रिक डिवाइस से किया जाना सुनिश्चित किया जाएगा।
इतना ही नहीं उपार्जन प्रभारी और किसान के बारे में मैट्रिक सत्यापन के आधार पर ही उन्हें खरीदी देयक जारी की जाएगी। अधिकारियों को बड़े निर्देश दिए गए हैं। राशन का वितरण किसी भी सूरत में प्रभावित नहीं होना चाहिए।
त्रिस्तरीय निरीक्षण व्यवस्था भी सुनिश्चित की जाएगी उमाकांत उमराव ने कहा कि प्रक्रिया शुरू होने से पहले, उपार्जन के दौरान, और इसके समाप्त होने पर भी निरीक्षण की कार्यशैली अपनाई जाएगी।
उपार्जन अवधि
- खरीफ उपार्जन 2022 23 के लिए धान का उपार्जन 28 नवंबर 2022 से शुरू होगा। वही 16 जनवरी 2023 तक उपार्जन किया जाना है।
- जबकि ज्वार बाजरे के लिए उपार्जन की प्रक्रिया एक दिसंबर 2022 से शुरू होगी और 31 दिसंबर 2022 तक संचालित की जाएगी।
समर्थन मूल्य
- इसके लिए समर्थन मूल्य भी तय कर दिए गए हैं धान का उपार्जन मूल्य 2040 रूपए प्रति क्विंटल तय किया गया है।
- जबकि हाइब्रिड ज्वार का समर्थन मूल्य 2970 रूपए प्रति क्विंटल है।
- इसके अलावा बाजरे का समर्थन मूल्य 2350 रूपए प्रति क्विंटल निर्धारित किया गया है।