नई दिल्ली: सुप्रीम कोर्ट ने आज एक बड़ा फैसला सुनाते हुए मोदी सरकार के नोटबंदी के निर्णय को सही ठहराया है, पांच जजों की संविधान पीठ ने आज सोमवार 02 जनवरी 2023 को अपना फैसला सुनाते हुए कहा कि 500 और 1000 के नोट बंद करने की प्रक्रिया में कोई गड़बड़ी नहीं हुई है। सरकार की ओर से लिया गया नोटबंदी का फैसला एकदम सही था। फैसला सुनाते के साथ ही सुप्रीम कोर्ट ने नोटबंदी के खिलाफ दायर की गई सभी 58 याचिकाओं को ख़ारिज कर दिया।
चार एक से संविधान पीठ ने सुनाया फैसला
केंद्र सरकार के नोटबंदी के फैसले के खिलाफ दायर 58 याचिकाओं की सुनवाई सुप्रीम कोर्ट की पांच जजों की संविधान पीठ में हुई, संविधान पीठ ने 7 दिसंबर 2022 को फैसला सुरक्षित रख लिया था, संविधान पीठ में जस्टिस एस अब्दुल नजीर, जस्टिस बीआर गवई, जस्टिस एएस बोपन्ना, जस्टिस वी रामसुब्रमण्यम और जस्टिस बीवी नागरत्ना शामिल थे। इनमें से जस्टिस बीवी नागरत्ना ने बाकी चार जजों की राय से अलग फैसला लिखा। उन्होंने कहा कि नोटबंदी का फैसला गैरकानूनी था। इसे गजट नोटिफिकेशन की जगह कानून के जरिए लिया जाना था। हालांकि उन्होंने कहा कि इसका सरकार के पुराने फैसले पर कोई असर नहीं पड़ेगा।
विरोध में ये कहा था याचिकार्ताओं ने
याचिकाकर्ताओं ने मोदी सरकार के फैसले के खिलाफ कहा कि 8 नवंबर 2016 को हुई नोटबंदी को सरकार ने बिना किसी उचित प्रक्रिया का पालन किए हुए कहा था , सरकार ने अचानक 500 और 1000 रुपए के नोट प्रचलन से बाहर कर दिए थे, जिससे देश के लोगों को बहुत परेशानी हुई, उन्हें कई दिनों बैंकों के बाहर लम्बी लम्बी लाइनों ने लगना पड़ा, याचिकाकर्ताओं ने दलील दी कि भारतीय रिजर्व बैंक अधिनियम की धारा 26 (2) किसी विशेष मूल्यवर्ग के करेंसी नोटों को पूरी तरह से रद्द करने के लिए सरकार को अधिकृत नहीं करती है। धारा 26 (2) केंद्र को एक खास सीरीज के करेंसी नोटों को रद्द करने का अधिकार देती है, न कि संपूर्ण करेंसी नोटों को।