भोपाल : मध्य प्रदेश में 2023 के आगामी विधानसभा चुनाव की तैयारियों को लेकर शुक्रवार को भोपाल में होने वाली भाजपा संगठन इस बैठक में संगठन पर कसावट लाने वाली है। नगरीय चुनाव और 2018 के विधानसभा चुनाव में हारी सीटों के साथ बागियों को लेकर मंथन होगा। शुक्रवार को भोपाल के भाजपा कार्यालय में होने वाली बैठक से पहले राष्ट्रीय सह संगठन महामंत्री शिवप्रकाश ने इस बैठक से पहले मालवा के सांसद, विधायक और जिलाध्यक्षों की आपात बैठक बुलाई थी।
दरअसल पंचायत और निकाय चुनाव के दौरान बगावत और विधानसभा की हारी हुई सीटों को लेकर भाजपा के दिग्गजों की चिंता बढ़ गई है। राष्ट्रीय सह संगठन महामंत्री शिवप्रकाश ने बुधवार को अचानक मालवा अंचल के 3 प्रमुख जिले रतलाम, मंदसौर और नीमच के सभी बड़े नेताओं को रतलाम में तलब किया था। इस बैठक में विधायकों के अलावा जिलाध्यक्ष और जिले के प्रभारी शामिल हुए। तीनों जिलों के कोर ग्रुप की इस बैठक में 5 मंत्री, 3 सांसद और शिवप्रकाश ने तीनों जिलों के सभी नेताओं से पंचायत और नगरीय निकाय चुनाव में पार्टी की खामियों पर मंथन किया।
वहीं ज्यादातर लोगों ने चुनाव में हुई बगावत और अनुशासन का मुद्दा उठाय। मैदान में कूदे बागी मंत्री-विधायकों ने यह भी कहा कि चुनाव लंबे चलने के कारण भी समन्वय में दिक्कत हुई। अधिकृत उम्मीदार के खिलाफ कई बागी मैदान में कूद गए। जिसके बाद शिवप्रकाश ने कहा कि विधानसभा चुनाव में इन कमियों को दूर करना होगा जिसके लिए आपसी समन्वय रखना होगा।
जानकारी के अनुसार मालवा-निमाड़ को भाजपा का गढ़ कहा जाता है। इस क्षेत्र में करीब 66 सीटें हैं। 2018 में भाजपा आधी सीटें हार गई थी। 2013 के विधानसभा चुनाव में भाजपा को 66 में से 57 सीटों पर जीत मिली थी। तो वहीं कांग्रेस सिर्फ 9 सीटें ही जीत पाई थ। 2018 में भाजपा को 66 में से 28 सीटों पर ही जीत मिली। और कांग्रेस ने 9 से बढ़कर 35 सीटों पर कब्जा जमा लिया था।
सूत्रों की माने तो बैठक में बूथ मजबूती, वोट शेयर बढ़ाने से लेकर हर महीने कोर ग्रुप की बैठक बुलाकर आपस में संवाद और संपर्क बढ़ाने की नसीहत भी दी जाएगी। नए लोगों को पार्टी से जोड़ने के लिए मुहिम चलाने को कहा जा सकता है। पिछले विधानसभा चुनाव में जिन सीटों पर पार्टी प्रत्याशियों को हार का सामना करना पड़ा, उन्हें मेहनत करने की नसीहत दी जाएगी।