देश के केंद्रीय उड्डयन मंत्री ज्योतिरादित्य सिंधिया के बेटे महा आर्यमान सिंधिया की क्रिकेट वर्ल्ड में एंट्री हुई है. आर्यमान सिंधिया क्रिकेट फील्ड में नहीं बल्कि क्रिकेट की राजनीति में कदम रखने वाले हैं. उन्हें ग्वालियर डिवीजन क्रिकेट असोसिएशन का उपाध्यक्ष नियुक्त किया गया है। जाहिर है बीजेपी नेता ज्योतिरादित्य सिंधिया भी पहले मध्य प्रदेश क्रिकेट असोसिएशन के अध्यक्ष थे अब उन्हें बेटे भी पिता की राह पर चल रहे हैं. लेकिन भारतीय जनता पार्टी को नेताओं के बेटों की चिंता है लेकिन प्रदेश की युवाओं की नहीं।
मध्य प्रदेश में 30 लाख से ज्यादा युवाओं के ऊपर रोजी-रोटी का संकट मंडरा रहा है।
गौरतलब है कि किसी भी प्रदेश के विकास की गणना वहां पर उपलब्ध रोजगार के साधनों और बेरोजगारी के आंकड़े से पता लगाई जा सकती है. सरकारें भले ही कई दावे कर रही हो मगर एमपी में बेरोजगार युवाओं का आंकड़ा लगातार शीर्ष पर पहुंचता जा रहा है.
मध्य प्रदेश में यदि बेरोजगारों की संख्या के बात की जाए तो 24,77,000 बेरोजगार हैं. इसमें बीते साल के 5,46,000 बेरोजगारों के आंकड़े को और जोड़ दिया जाए तो यह संख्या 30 लाख 23000 पहुंच जाएगी.
ये आकड़े सरकार के ऊपर तमाचा है लेकिन इन आकड़ों से सरकार को क्या लेना देना उन्हें नेताओं की बेटों को आगे पहुंचना है और बेरोजगार युवकों से अपराध कराना है क्योंकि नौकरियां तो सरकार के पास है नहीं।