मध्य प्रदेश में नगरीय निकाय चुनाव को लेकर सियासत गर्म है। इसी बीच खबर आई है कि भिंड और मुरैना में गाइडलाइन के विरुद्ध पार्षद उम्मीदवारों और उनके प्रस्तावकों से 25-25 हजार रुपए जमानत राशि लिए जा रहे हैं। मामले पर विधानसभा में नेता प्रतिपक्ष डॉ गोविंद सिंह ने चुनाव आयोग को पत्र लिखा है। सिंह ने कहा है कि बीजेपी गरीबों को चुनाव लड़ने से रोकना चाहती है।
राज्य निर्वाचन आयुक्त के मुख्य निर्वाचन अधिकारी बीपी सिंह को संबोधित पत्र में नेता प्रतिपक्ष डॉ गोविंद सिंह ने लिखा है कि, ‘मुरैना एवं भिण्ड जिले में नगरीय चुनाव के उम्मीदवारों एवं प्रस्तावको से कलेक्टर द्वारा चुनाव आयोग की गाईड लाईन के विरूद्ध जमानत राशि रूपये 25-25 हजार जमा कराने का तुगलगी फरमान जारी किया गया है, जिससे गरीब तबके के पार्षद उम्मीदवार अपना नामाकन जमा कराने में असमर्थ हो रहे हैं।’ उन्होंने मांग की है कि गाईड लाईन के अनुसार ही पार्षद उम्मीदवारों एवं प्रस्तावकों से जमानत की राशि जमा कराने हेतु भिण्ड एवं मुरैना जिलें के कलेक्टरों को निर्देशित करने का कष्ट करें।’
कांग्रेस नेता ने इस संबंध में मीडिया से बातचीत के दौरान कहा कि, ‘नगर निगम में महापौर पद के लिये 20 हजार, नगर पालिका अध्यक्ष पद के लिये 10 हजार और नगर परिषद अध्यक्ष पद हेतु 3 हजार रुपये की जमानत राशि निर्धारित है। इसके अतिरिक्त कलेक्टर ने 25 हजार रुपये अतिरिक्त जमा कराने के निर्देश देकर कई लोगों को उम्मीदवार बनने से ही वंचित कर दिया है। डॉ गोविंद सिंह ने कहा है कि भाजपा चाहती है कि गरीब तबके के लोग चुनाव नहीं लड़ सकें। भाजपा पूंजी पतियों को बढ़ावा देकर उन्हीं को चुनाव के योग्य मान रही है। इससे गरीब लेकिन जनाधार वाले लोग चुनाव ही नही लड़ पाएंगे।