उज्जैन : रविवार को प्रदेश के कई जिलों में चली आंधी ने जनजीवन अस्त-व्यस्त कर दिया, कई जगह पेड़ उखड गए, उसके नीचे वाहन दब गए, जालियां, टीनशेड उखड़ गए। धूल भरी आंधी के साथ ही आई बारिश ने भी लोगों को परेशान किया और प्रशासन की बारिश पूर्व तैयारियों की पोल खोल दी, बड़ी बात ये रही कि आंधी का सबसे बड़ा नुकसान महाकाल महालोक को उठाना पड़ा।
सप्त ऋषि की 7 में से 6 मूर्तियाँ आंधी में हुई धराशायी
रविवार को कई किलोमीटर प्रति घंटे की रफ़्तार से चली आंधी ने बाबा महाकाल महालोक ने तांडव मचाया, महाकाल महालोक का आनंद उठा रहे लोग अचानक आई तेज आंधी और बारिश से बचाव करने का प्रयास करते रहे इसी बीच वहां स्थापित की गई सप्त ऋषि की मूर्तियाँ गिरना शुरू हो गई, जो लोग आंधी का वीडियो बना रहे थे उसमें मूर्ति गिरने का वीडियो भी कैद हो गया।
मूर्तियाँ गिरने के वीडियो सोशल मीडिया पर हुए वायरल
थोड़ी ही देर में एक एक कर 7 में से 6 मूर्तियाँ गिर गई, अच्छी बात ये रही कि मूर्तियाँ गिरने से कोई श्रद्धालु घायल नहीं हुआ।उधर मूर्तियाँ गिरने के वीडियो कुछ ही देर में सोशल मीडिया पर वायरल हो गए और जनता सहित विपक्ष के नेता महाकाल महालोक के निर्माण पर खर्च हुए करोड़ों रुपये के कार्य में भ्रष्टाचार के आरोप लगाने लगे।
घटना के बाद प्रशासन ने सील किया महाकाल महालोक
इस नुकसान की जानकारी सामने आने के बाद कलेक्टर सहित अन्य प्रशासनिक अधिकारी पुलिस अधिकारियों के साथ महाकाल महालोक पहुंचे, वहां से श्रद्धालुओं को बाहर किया गया, मंदिर प्रबंधन ने प्रशासनिक अधिकारियों की मदद से क्रेन के सहारे नीचे गिरी मूर्तियों को वहां से हटाया और एक सुरक्षित जगह रखवाया, बाद में प्रशासन ने महाकाल महालोक को सील कर दिया।
कांग्रेस ने किया वीडियो शेयर, सीएम शिवराज सिंह चौहान पर साधा निशाना
कांग्रेस भी इस वीडियो के साथ सामने आई, कांग्रेस ने अपने अधिकृत ट्विटर एकाउंट एमपी कांग्रेस पर इसका वीडियो शेयर करते हुए मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहन पर निशाना साधा। कांग्रेस ने ट्वीट किया – बाबा महाकाल का रोष देखिये, हल्की सी हवा में ही किस तरह धातुओं की बनी मूर्तियाँ गिरने लगी है। शिवराज जी, आपके पापों पर अब बाबा महाकाल ने भी त्रिनेत्र खोल लिया है। मध्यप्रदेश को अब और अधिक नहीं बिकने देंगे। ।।ॐ नम: शिवाय ।।
11 अक्टूबर 2022 को पीएम मोदी ने किया था महाकाल महालोक का उद्घाटन
गौरतलब है कि 11 अक्टूबर 2022 को प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने महाकाल महालोक का उद्घाटन किया था, करोड़ों रुपये की लागत से बने महाकाल लोक का ठेका गुजरात की एमपी बाबरिया नामक कंपनी के पास था, यहाँ बनी मूर्तियों को गुजरात, ओडिशा और राजस्थान के कलाकारों ने बनाया था, सप्त ऋषि की मूर्तियाँ 10 से 25 फीट ऊँची थी, जिसमें से 6 मूर्तियाँ आंधी में गिर गई हैं।
ये कहना है मूर्तियाँ स्थापित करने वाली कंपनी का
एमपी बाबरिया कंपनी ने मूर्तियों की 100 साल की गारंटी दी थी लेकिन अब इस नुकसान पर कंपनी के प्रोजेक्ट मैनेजर संजय पटेल का कहना है कि मूर्तियाँ ऊंचाई पर लगी थी, तेज हवा ने बवंडर का रूप ले लिया जिससे मूर्ति के अन्दर का स्ट्रक्चर टूट गया , ये मूर्तियाँ फाइबर रेनफोर्स प्लास्टिक (FRP) से बनी हुई थी इसमें अन्दर माइल्ड स्टील का उपयोग हुआ था, तेज हवा से जॉइंट्स ढीले पड़ गए होंगे, उनका कहना है कि अब इन मूर्तियों को फिर से स्थापित किया जायेगा अब इसमें माइल्ड स्टील के साथ साथ सीमेंट कंक्रीट का इस्तेमाल भी किया जायेगा।