भोपाल। भोपाल, MP की जिला अदालत ने पीडब्ल्यूडी के 4 अधिकारियों सहित एक ठेकेदार के खिलाफ मामला दर्ज करने के आदेश दिए हैं। इन लोगों पर साडे 5 करोड रुपए की लागत से बन रही सड़क निर्माण में घोटाला करने का आरोप है। इनमें से एक आरोपी संजय खान्डे कांग्रेस सरकार में लोक निर्माण विभाग के मंत्री रहे सज्जन सिंह वर्मा का ओएसडी रह चुका है।
छह साल की लंबी लड़ाई के बाद आखिरकार भोपाल के एक जागरूक नागरिक अरविंद मिश्रा को न्याय मिलने की उम्मीद जगी है। दरअसल मिश्रा को जानकारी मिली थी कि पीडब्ल्यूडी के चार अधिकारियों जिनमें वीके आरख, एएगौरी, घनश्याम सक्सेना और संजय खान्डे शामिल है, ने आर के गुप्ता नामक ठेकेदार द्वारा बनाई जा रही सड़क निर्माण में घटिया सामग्री का प्रयोग किया है जिससे सड़क की गुणवत्ता पर विपरीत प्रभाव पड़ा है।
17.64 किलोमीटर लंबी इस सड़क का निर्माण टीला खेड़ी से दुबली रोड तक होना था। इसकी शिकायत गांव वालों ने भी की, जिसके आधार पर सरकार ने भी एक कमेटी बनाकर इसकी जांच कराई। जिसमे भारी अनियमितता पाई गई। जांच में यह भी स्पष्ट हुआ कि ठेकेदार और पीडब्ल्यूडी अधिकारियों की मिलीभगत से घटिया निर्माण कराया गया था। जिससे कुछ ही समय में सड़क उखड़ गई थी।
इस पूरे मामले में अरविंद मिश्रा ने 15 दिसंबर 2016 को भोपाल जिला न्यायालय में परिवाद दाखिल किया और लंबी सुनवाई के बाद न्यायालय ने इस मामले में सब इंजीनियर घनश्याम सक्सेना, एसडीओ ए एए गौरी ,कार्यपालन यंत्री बीके आरख और संजय खान्डे कार्यपालन यंत्री के विरुद्ध संज्ञान लेते हुए मामला दर्ज करने के आदेश दिए।
इन अधिकारियों में संजय खान्डे कांग्रेस सरकार में लोक निर्माण विभाग के मंत्री रहे सज्जन वर्मा का ओएसडी रह चुका है और वर्तमान सरकार में भी अपने रसूख को लेकर चर्चा में हैं ।अभी हाल ही में इसने अपने संबंधों का इस्तेमाल कर पीडब्ल्यूडी के वरिष्ठ पद पर एक अधिकारी की नियुक्ति कराई है जो पूरी तरह नियम विरुद्ध है।