भोपाल: निजी स्कूल के बस में रेप के मामले में पुलिस ने सख्त कार्रवाई शुरू कर दी है। गुरुवार की सुबह सीएम शिवराज सिंह चौहान ने अधिकारियों को सख्त कार्रवाई के निर्देश दिए हैं। उन्होंने इमरजेंसी बैठक में अधिकारियों को कार्रवाई के निर्देश दिए थे। इसके बाद पुलिस एक्शन में आ गई है। मामले की जांच कर रही एसआईटी ने देर शाम स्कूल के मालिक, प्रिंसिपल और दो सीनियर अधिकारियों के खिलाफ केस दर्ज किया है। स्कूल बस में साढ़े तीन साल की बच्ची के साथ महिला अटेंडेंट की मौजूदगी में रेप किया गया था। बच्ची ने घटना की जानकारी अपने पैरेंट्स को उसी दिन दी थी। इसके बाद स्कूल प्रबंधन को इसकी जानकारी दी गई थी। स्कूल प्रबंधन ने इस बीच कोई कदम नहीं उठाया था।
12 सितंबर को पीड़िता के माता-पिता ने पुलिस में शिकायत दर्ज करवाई थी। एसआईटी चीफ श्रुतकीर्ति सोमवंशी ने हमारे सहयोगी अखबार टाइम्स ऑफ इंडिया से बात करते हुए कहा कि स्कूल की तरफ से हमें सूचित नहीं किया गया जबकि बाल यौन शोषण के मामले में पुलिस को जानकारी देना बाध्यकारी होता है। इसके साथ ही यह भी पता चला है कि आरोपी चालक पर मारपीट के दो मामले लंबित थे लेकिन पुलिस सत्यापन में चूक हो गई है। भोपाल पुलिस कमिश्नर मकरंद देउस्कर ने कहा कि पुलिस अन्य बच्चों के माता-पिता से बात कर रही है कि क्या इस तरह की घटना पहले किसी अन्य बच्चे के साथ हुई है। सीएम ने गुरुवार की बैठक में कहा है कि बच्ची से रेप विश्वास का उल्लंघन है।
उन्होंने कहा कि पैरेंट्स अपने बच्चों को भरोसे के साथ स्कूल भेजते हैं। इस भरोसे को बनाए रखना स्कूल प्रबंधन की जिम्मेदारी है। दोषी ड्राइवर और स्कूल की नौकरानी के साथ-साथ स्कूल प्रबंधन के खिलाफ सख्त कार्रवाई की जाए।
चार लोगों पर केस दर्ज
एसआईटी चीफ श्रुतकीर्ति सोमवंशी ने एफआईआर की पुष्टि की है। उन्होंने कहा है कि स्कूल के मालिक नजम जमाल, प्रिंसिपल आशीष अग्रवाल, डायरेक्टर फैसल अली और परिवहन प्रबंधक सैयद बिलाल को आरोपी बनाया गया है। पुलिस को यौन शोषण के बारे में सूचित नहीं करने के लिए पोक्सो अधिनियम की धारा 21 और स्कूल बसों की सुरक्षा के लिए सुप्रीम कोर्ट के दिशानिर्देशों के आधार पर जारी परिवहन आयुक्त के निर्देशों का पालन नहीं करने के लिए आईपीसी की धारा 188 के तहत मामला दर्ज किया गया है।
वहीं, सीएम ने कहा कि हम बच्चों को ऐसे अपराधी के हाथों नहीं छोड़ सकते। स्कूल प्रबंधन को देखना चाहिए था कि बस में सीसीटीवी कैमरे क्यों काम नहीं कर रहे थे। लोगों में संदेश जाना चाहिए कि दोषियों के खिलाफ कार्रवाई की जाएगी, चाहे वे कितने भी प्रभावशाली हों। अपराधियों को सरकार नहीं बख्शेगी। समय रहते सख्त कार्रवाई की जाए ताकि प्रबंधन अपनी जवाबदेगी और जिम्मेदारी को समझे।
पुलिस ने कहा कि एसआईटी ने स्कूल परिवहन प्रबंधन में खामियां पाई हैं। सीसीटीवी का रखरखाव नहीं किया गया था। उसका एसडी कार्ड गायब था और स्कूल ने जांच नहीं की थी कि क्या सिस्टम किसी फुटेज को रेकॉर्ड और स्टोर कर रहा है स्कूल बस का फिटनेस इसी साल मार्च में किया गया था। तब, सीसीटीवी काम कर रहा था। पुलिस ने कहा कि सिस्टम ऐसा था कि एसडी कार्ड को बाहर से हटाया जा सकता था। एसडी कार्ड नहीं रहने से पुलिस के पास कोई फुटेज नहीं है।
इसके साथ ही फोरेंसिक टीम यह जांच कर रही है कि कहीं इसमें छेड़छाड़ तो नहीं की गई। एडीसीपी ने कहा कि इसके अलावा, स्कूल प्रबंधन को उसके माता-पिता से संपर्क करने के बाद लड़की के साथ यौन शोषण की सूचना मिली थी लेकिन उन्होंने पुलिस को सूचित नहीं किया। सोमवंशी ने कहा कि चालक का पुलिस सत्यापन शाहपुरा थाने में किया गया था लेकिन उसके ऊपर मारपीट के पहले से दो मामले दर्ज थे। वह अन्य जगह पर होने की वजह से सामने नहीं आ पाए।
एसआईटी गुरुवार को सुबह 11 बजे से रात आठ बजे तक स्कूल में थी। वरिष्ठ प्रबंधन के बयान दर्ज कर ड्राइवर की भर्ती प्रक्रिया की जांच कर रही थी। बाल आयोग और शिक्षा विभाग ने स्कूल अधिकारियों के बयान भी दर्ज किए। पुलिस अब संबंधित स्कूल के रेकॉर्ड की जांच करेगी। इसके साथ ही सीएम के निर्देश पर स्कूल बसों की जांच शुरू हो गई है।