COVID वैक्सीन से नहीं बढ़े युवाओं में सड़न डेथ के मामले, ICMR की नई स्टडी में खुलासा, कई फैक्टर को बताया कारण…

नई दिल्ली : देश में पिछले काफी समय से असामयिक मौत की घटनाएं सामने आ रही थी जिसमें कोई चलते-चलते गिर रहा है तो कोई डांस करते-करते, किसी की जिम में एक्सरसाइज करते-करते मौत हो रही है। ऐसे दृश्य सामने आने के बाद हर किसी के मन में ये चिंता थी कि युवाओं की मौत ऐसे क्यों हो रही है? खासतौर पर ऐसे लोग जो देखने में फिट लगते हैं उनके साथ भी अचानक ऐसी घटनाओं के क्या कारण हैं? वहीं अचानक मौत की घटनाओं के बीच कई लोगों के मन में यह भी सवाल उठ रहा था क्या इसकी वजह कोविड वैक्सीन तो नहीं? हालांकि, स्टडी में वैक्सीन को क्लीन चिट दी गई है और बताया गया है कि वैक्सीन की दोनों डोज लगवाने वालों को सुरक्षा मिली है।

रिसर्च में हुआ खुलासा

भारतीय चिकित्सा अनुसंधान परिषद की रिपोर्ट में दावा किया गया है कि भारतीय शोधकर्ताओं को इस बात का कोई सबूत नहीं मिला कि कोविड-19 टीकाकरण के कारण लोगों की मौत हुई है। रिसर्च में दावा किया गया कि उनकी मौत के पीछे का कारण धूम्रपान करना, अधिक शराब पीना, ड्रग्स और नशीले पदार्थों का सेवन हो सकता है।

दरअसल, इस रिपोर्ट के लिए भारत में 18 से 45 साल के ऐसे युवाओं पर स्टडी की गई जिन्हें कोरोना की वजह से अस्पताल में भर्ती होना पड़ा। भारत के 19 राज्यों में स्टडी की गई, जिसमें देश के 47 अस्पताल शामिल रहे, जिनकी एक अक्टूबर 2021 से 31 मार्च 2023 के बीच अचानक मौत हुई थी। इस विश्लेषण में करीब 729 मामले और 2,916 नियंत्रण शामिल किए गए। इनकी मौत के कारण साफ नहीं हो पाए थे। स्टडी में यह सामने आया है कि कोविड वैक्सीनेशन से युवाओं में सडन डेथ का खतरा नहीं बढ़ा है।

कोविड वैक्सीन को मौतों के लिए जिम्मेदार नहीं माना गया, बल्कि स्टडी में ये बताया गया है कि वैक्सीन की वजह से लोगों को सुरक्षा मिली और उन्हें वैक्सीन लेने से फायदा हुआ है। हालांकि ICMR ने साफ किया है कि विदेशों में ऐसी कुछ स्टडी हुई जिनमें ये देखा गया है कि कोविड वैक्सीन से दिल की आर्टरी में खून के क्लॉट जम रहे हैं, लेकिन इसका पता लगाने के लिए और गहन स्टडी की जरूरत होगी।

कोविड से ठीक हुए मरीजों को डॉक्टर की सलाह

केंद्रीय स्वास्थ्य मंत्री मनसुख मंडाविया ने रिपोर्ट का हवाला देते हुए लोगों को आगाह किया कि जो लोग कोरोना से गंभीर रूप से पीड़ित रहे हैं, उन्हें एक या दो साल तक बहुत ज्यादा मेहनत करने से बचना चाहिए। विशेषज्ञों का भी कहना है कि कोविड से ठीक हुए मरीजों को डॉक्टर की सलाह के बाद ही एक्सरसाइज करनी चाहिए। अपने खानपान पर भी विशेष ध्यान रखना चाहिए। हार्ट अटैक से बचने के लिए एक ही समय में बहुत ज्यादा और मेहनत वाली एक्सरसाइज करने से बचना चाहिए।

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