चांद पर चंद्रयान : पीएम मोदी बोले अब बच्चे कहेंगे चंदा मामा दूर के नहीं, टूर के…

नई दिल्ली : भारत ने आज इतिहास रच दिया, 23 अगस्त 2023 का दिन दुनिया में याद रखा जायेगा, इस दिन भारत ने चांद की सतह पर सिर्फ सफलता पूर्वक लैंडिंग ही नहीं की बल्कि भारत चांद के दक्षिणी ध्रुव पर पहुंचने वाला पहला देश बन गया, भारत की इस सफलता पर प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने देशवासियों को बधाई दी और कहा कि – “अब बच्चे कहेंगे चंदा मामा दूर के नहीं, टूर के”।

मिशन चंद्रयान के लिए चला दुआओं, प्रार्थनाओं का दौर 

भारत का चंद्रयान मिशन 3 पर देश के 140 करोड़ लोगों की उम्मीदें और दुआएं थी, देश में अलग अलग जगह सुबह से ही सुरक्षित और सफल लैंडिंग के लिए पूजा, अर्चना, दुआ, यज्ञ, हवन किये जा रहे थे, मंदिर हो मस्जिद हो , गुरूद्वारे हो या कोई अन्य पूजा स्थल सभी जगह से चंद्रयान की सफलता की प्रार्थना हो रही थी जो सफल हुई।

लैंडर ने चाँद की सतह पर की सॉफ्ट लैंडिंग, बन गया इतिहास 

14 जुलाई को चंदयान मिशन-3 की लॉन्चिंग हुई थी और आज 23 अगस्त को इस मिशन को इसरो के वैज्ञानिकों ने पूरा कर लिया, तय समय पर लैंडर के चांद की सतह पर सॉफ्ट लैडिंग करते ही इसरो के वैज्ञानिकों ने करतल ध्वनि से इसका स्वागत किया, उधर ब्रिक्स सम्मेलन में शामिल होने दक्षिण अफ्रीका गए प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने भी ये सब लाइव देखा और वैज्ञानिकों को बधाई दी।

ये पल अभूतपूर्व, ये क्षण विकसित भारत का शंखनाद : मोदी 

उन्होंने अपने संबोधन में कहा कि मेरे परिवाजनों जब हम अपनी आखों के  सामने ऐसा इतिहास बनते देखते हैं तो जीवन धन्य हो जाता है, ऐसी ऐतिहासिक घटनाएं राष्ट्र जीवन की चिरंजीव चेतना बन जाती है, ये पल अविस्मर्णीय है, ये क्षण अभूतपूर्व है, ये क्षण विकसित भारत के शंखनाद का है, ये क्षण नए भारत के जयघोष का है, ये क्षण मुश्किलों के महासागर को पार करने का है, ये क्षण जीत के चन्द्र पथ पर चलने का है, ये क्षण 140 करोड़ धडकनों के सामर्थ्य का है, ये क्षण भारत में नई ऊर्जा,  नई चेतना, नए विश्वास का है, ये क्षण  भारत के उदीयमान भाग्य के आह्वान का है।

इसरो के वैज्ञानिकों को बधाई , अब बच्चे कहेंगे चंदा मामा दूर के नहीं टूर के : मोदी 

अमृत काल की प्रथम प्रभा में सफलता की ये अमृत वर्षा हुई है हमने धरती पर संकल्प लिया और चांद पर उसे साकार किया, आज हम अन्तरिक्ष में नए भारत की नई उड़ान के साक्षी बने हैं, मैं दक्षिण अफ्रीका में हूँ, लेकिन मेरा मन चंद्रयान अभियान पर लगा रहा, इस सफलता से देश का हर नागरिक जश्न  में डूब गया है मैं भी अपने परिवाजनों के साथ हूँ, मैं इसरो के विज्ञानिकों को, टीम चंद्रयान को और देशवासियों को भी कोटि कोटि बधाई देता हूँ, हमारे वैज्ञानिकों के परिश्रम और प्रतिभा से भारत चंद्रमा के उस दक्षिणी ध्रुव पर पहुंचा है जहाँ दुनिया का कोई भी देश नहीं पहुँच सका,  अब आज एक बाद से चाँद से जुड़े मिथक बदल जायेंगे, कथानक बदल जायेंगे और नई पीढ़ी के लिए कहावतें भी बदल जाएँगी,  भारत में तो हम धरती को माँ कहते हैं और चाँद को मामा बुलाते हैं कभी कहा जाता था चंदा मामा दूर के हैं अब एक दिन वो भी आयेगा जब बच्चे कहा करेंगे कि चंदा मामा अब दूर के नहीं टूर के हैं।

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