भोपाल : मध्य प्रदेश में बेरोजगार युवाओं के लिए शुरू की गई मुख्यमंत्री सीखो कमाओ योजना पर ताजा अपडेट सामने आया है। मुख्यमंत्री सीखो-कमाओ योजना में अब तक लगभग 3 लाख 58 हजार 346 युवाओं ने अपना पंजीयन कराया है।इसमें सागर जिले के सबसे ज्यादा 19 हजार से अधिक युवा पंजीकृत हुए है।MMSKY की ऑफिशियल वेबसाइट के अनुसार अब तक रिक्त पदों की संख्या 40000 से अधिक (42495) हो गई है। 12106 संस्थानों ने युवाओं को प्रशिक्षण देने के लिए रजिस्ट्रेशन करा लिया है। यह क्रम 31 जुलाई तक लगातार चलेगा। दिनांक 1 अगस्त से पदस्थापना प्रक्रिया शुरू होगी।
दरअसल, शिवराज सिंह चौहान ने प्रदेश के युवाओं के कौशल निखारने, उन्हें सशक्त, समर्थ और आत्म-निर्भर बनाने के उद्देश्य से शुरू की गई। मुख्यमंत्री सीखो-कमाओ योजना का युवाओं के बीच अच्छा प्रतिसाद मिल रहा है। 18 जुलाई तक लगभग 3 लाख 58 हजार 346 युवाओं ने इस योजना में अपना पंजीयन करा लिया है। इसमें सबसे ज्यादा सागर जिले के 19 हजार 432 युवाओं ने अपना पंजीयन कराया है।खास बात ये है कि विद्युत मंडल में 1000 युवाओं को योजना के तहत ट्रेनिंग दी जाएगी। विद्युत मंडल बोर्ड ऑफ डायरेक्टर ने फैसला लिया है इस दौरान युवाओं को बिजली विभाग से जुड़े कार्यों को सिखाया जाएगा। स्टाइपंड के रूप में प्रदेश सरकार की तरफ से 75% और विद्युत मंडल की ओर से 25% राशि का भुगतान किया जाएगा।
प्रक्रिया शुरू, इस विभाग में मिलेगी नौकरी
इस योजना में 15 जुलाई से युवाओं का आवेदन शुरू हो गया है तथा 31 जुलाई से युवा, प्रतिष्ठान एवं मध्य प्रदेश के बीच अनुबंध हस्ताक्षर (आनलाइन) की कार्रवाई होगी। एक अगस्त से विभिन्न प्रतिष्ठानों में युवाओं का प्रशिक्षण प्रारंभ होगा। एक माह प्रशिक्षण के बाद अर्थात एक सितंबर से युवाओं को मानदेय राशि (स्टाइपेंड) का वितरण राज्य शासन द्वारा किया जाएगा। यह सभी प्रक्रिया पोर्टल के माध्यम से आनलाइन की जाएगी।
देखें जिलेवार कहां कितने हुए पंजीयन
- मुख्यमंत्री सीखे-कमाओ योजना में अब तक रीवा जिले में 17 हजार 145, सतना में 16 हजार 665, जबलपुर 15 हजार 306, दमोह 14 हजार 785, भोपाल 12 हजार 170, विदिशा 11 हजार 472, नरसिंहपुर 10 हजार 874।
- छतरपुर 10 हजार 314, ग्वालियर 9 हजार 169, सीहोर 8 हजार 894, शिवपुरी 8 हजार 711, बालाघाट 8 हजार 658, छिंदवाड़ा 8 हजार 592, कटनी 8 हजार 422, राजगढ़ 8 हजार 146, सिवनी 7 हजार 899।
- मंदसौर 7 हजार 559, रायसेन 7 हजार 385, गुना 7 हजार 284, सीधी 7 हजार 44, पन्ना 6 हजार 842, शहडोल 6 हजार 600, उज्जैन 6 हजार 526, मुरैना 6 हजार 416, बैतूल 6 हजार 252, नर्मदापुरम 6 हजार 54।
- इंदौर 5 हजार 887, मंडला 5 हजार 731, टीकमगढ़ 5 हजार 473, रतलाम 5 हजार 448, अशोकनगर 5 हजार 434, भिंड 5 हजार 275, खरगोन 5 हजार 61, शाजापुर 4 हजार 918, देवास 4 हजार 649।
- सिंगरौली 4 हजार 495, पूर्व निमाड़ 4 हजार 458, धार 4 हजार 283, अनूपपुर 4 हजार 42, नीमच 3 हजार 741, उमरिया 3 हजार 409, डिंडौरी 3 हजार 9, दतिया 2 हजार 994, बड़वानी 2 हजार 392।
- आगर-मालवा 2 हजार 384, झाबुआ 2 हजार 104, श्योपुर 2 हजार 53, हरदा 1 हजार 980, निवाड़ी 1 हजार 965, बुरहानपुर 1 हजार 374 तथा अलीराजपुर जिले के 1 हजार 171 युवाओं ने मुख्यमंत्री सीखो-कमाओ योजना में अपना पंजीयन कराया है।
यहां समझें किस तरह युवाओं को मिलेगा लाभ
- मुख्यमंत्री सीखो-कमाओ योजना से प्रशिक्षण लेने वाले युवाओं को उद्योग उन्मुख नई तकनीक और प्रक्रियाओं में दक्षता लाने के लिए प्रशिक्षित किया जाएगा, जिससे उन्हें सहजता से रोजगार प्राप्त हो सकेगा।
- यह योजना युवाओं को आर्थिक रूप से स्वावलंबी बनाएगी। इस आनलाइन प्रक्रिया में युवाओं को कौशल सीखने के साथ ही आठ से दस हजार रुपये मासिक मानदेय (स्टाइपेंड) दिया जाएगा।
- इसमें से 75 प्रतिशत राशि राज्य सरकार देगी और 25 प्रतिशत राशि कंपनी द्वारा दी जाएगी। अब तक 10,368 प्रतिष्ठान (कंपनियां) पंजीकृत हो गई है और इन कंपनियों में 34 हजार से अधिक रिक्त पदों पर युवाओं की नियुक्ति की जाएगी।
जानिए मानदेय-पात्रता-आयु सीमा- दस्तावेज के बारे में
- मुख्यमंत्री सीखो-कमाओ योजना के आवेदको को समग्र आईडी, शैक्षणिक योग्यता, डिग्री आदि की आवश्यकता होगी।
- योजना में मध्यप्रदेश के स्थानीय निवासी 18 से 29 वर्ष के 12वीं या उससे कम कक्षा में उत्तीर्ण युवा को 8000 रूपये, ITIउत्तीर्ण को 8500 रूपये, डिप्लोमा उत्तीर्ण को 9 हजार रूपये और स्नातक या उच्च शैक्षणिक योग्यता वाले युवाओं को 10000 रूपये प्रतिमाह स्टाईपेंड दिया जायेगा।
- राज्य शासन की ओर से निर्धारित स्टाईपेंड की 75% राशि प्रशिक्षणार्थियों को DBT से भुगतान की जायेगी।
- संबंधित प्रतिष्ठानों द्वारा निर्धारित न्यूनतम स्टाईपेंड की 25 % राशि प्रशिक्षणार्थियों के बैंक खाते में जमा करानी होगी।
- प्रतिष्ठान अपनी ओर से निर्धारित राशि से अधिक स्टाईपेंड देने के लिये स्वतंत्र होंगे। स्टाईपेंड एक वर्ष तक दिया जायेगा।
- योजना में युवाओं को कौशल प्रदान करने के लिये चिन्हित कार्य-क्षेत्र में विनिर्माण क्षेत्र, इंजीनियरिंग, इलेक्ट्रिकल, मैकेनिकल, सिविल, प्रबंधन, मार्केटिंग, होटल मैनेजमेंट, टूरिज्म, ट्रायबल, अस्पताल, रेलवे, IT सेक्टर, सॉफ्टवेयर डेवलपमेंट, बैंकिंग, बीमा, लेखा, चार्टर्ड अकाउंटेंट, मीडिया, कला, कानूनी और विधि सेवाएँ, शिक्षा एवं प्रशिक्षण सहित 800 से अधिक सेवा क्षेत्र में कार्यरत प्रतिष्ठान भागीदारी करेंगे।