भोपाल : वाराणसी की जिला अदालत द्वारा हिंदू पक्ष को ज्ञानवापी स्थित व्यास तहखाने में पूजा करने का अधिकार दे दिया है। कोर्ट में जिला प्रशासन को निर्देश दिए हैं कि वह 7 दिनों के अंदर बैरिकेडिंग कर व्यवस्थाओं को सुनिश्चित करे। इस फैसले के बाद से जहाँ हिंदू पक्षकार खुश है वहीं पूरे देश में ख़ुशी है, भाजपा के कई वरिष्ठ नेता भी फैसले का स्वागत कर रहे हैं , मप्र के मुख्यमंत्री डॉ मोहन यादव ने कहा कि ये मील का पत्थर साबित होगा।
भावनात्मक रूप से आज का दिन हिंदू समाज के लिए महत्व का दिन है : मोहन यादव
मुख्यमंत्री डॉ मोहन यादव ने कहा कि मुझे बनारस कोर्ट के फैसले पर बहुत ख़ुशी है मेरा मानना है कि ये फैसला मील का पत्थर साबित होगा, उन्होंने कोर्ट का भी आभार जताते हुए कहा कि जो रिपोर्ट ASI ने सौंपी उसके तथ्य भी बताते हाँ कि जिनके पक्ष में फैसला आना चाहिए था उन्हीं के पक्ष में आया, भावनात्मक रूप से आज का दिन हिंदू समाज के लिए महत्व का दिन है और महत्वपूर्ण फैसले का दिन है।
उमा भारती ने वाराणसी कोर्ट के फैसले को बताया सुखद
उल्लेखनीय है कि मप्र की पूर्व मुख्यमंत्री उमा भारती ने भी बनारस कोर्ट के फैसले का स्वागत किया है उन्होंने फैसले को सुखद बताया, उमा भारती ने सोशल मीडिया X पर लिखा – ज्ञानवापी पर वाराणसी डिस्ट्रिक्ट कोर्ट का फैसला आया है वह सुखद है, मैंने स्वयं 1993 में ज्ञानवापी की दीवारों पर अंकित मूर्तियों की पूजा की है। 1991 में भी मैंने संसद में यह प्रस्ताव रखा था कि अयोध्या, मथुरा, काशी तीनों को हिंदुओं को सौंप दीजिए। उन्होंने लिखा- वाराणसी डिस्ट्रिक्ट कोर्ट के फैसले के बाद मैं फिर से अनुरोध करुंगी कि अयोध्या की ही तरह मथुरा और काशी में भी मूल स्थान पर मंदिर बने तथा पूजा का अधिकार मिले। इसलिए इन्हें हिंदुओं को सौंप दीजिए, यही संपूर्ण समाधान है।