सीएम डॉ. मोहन यादव ने भगोरिया को राजकीय पर्व घोषित किया, जनजातीय देव लोक महोत्सव में की कई बड़ी घोषणाएं…

भोपाल : मुख्यमंत्री डॉ. मोहन यादव ने राजकीय पर्व बनाने की घोषणा की है। उन्होंने कहा कि अब मध्य प्रदेश में भगोरिया उत्सव राजकीय स्तर पर मनाया जाएगा। भोपाल में मुख्यमंत्री निवास में आयोजित जनजातीय देव लोक महोत्सव कार्यक्रम में उन्होंने घोषणा की कि भगोरिया उत्सव से इसका प्रारंभ होगा अन्य सभी जनजातीय समाज के बड़े उत्सवों को भी राजकीय स्तर पर मनाया जाएगा।

इस कार्यक्रम का शुभारंभ सीएम डॉ. मोहन यादव ने दीप प्रज्ज्वलन एवं जनजातीय देव आराधना के साथ किया। इस अवसर पर उन्होंने प्रदेश भर से आए जनजातीय प्रतिनिधियों और गणमान्य नागरिकों का स्वागत पुष्प वर्षा के साथ किया। इस अवसर पर जनजातीय कार्य मंत्री कुँवर विजय शाह, केंद्रीय राज्य मंत्री दुर्गादास उइके, मंत्री संपतिया उइके, नागर सिंह चौहान सहित कई जनप्रतिनिधि उपस्थित रहे। इस दौरान प्रदेश भर से आए जनजातीय समुदाय के मांदल की थाप, ढोल की गमक, मंझीरों की खनक और झांझ की ताल से सीएम हाउस गूंज उठा।

सीएम हाउस में जनजातीय देव लोक महोत्सव कार्यक्रम आयोजित

आज भोपाल में मुख्यमंत्री आवास में मध्यप्रदेश के जनजातीय देव स्थलों और परंपराओं को समर्पित देव लोक महोत्सव का आयोजन किया गया। इस अवसर पर सीएम मोहन यादव ने कहा कि आदिवासी और जनजातीय समाज ने हमेशा देश की रक्षा के लिए अपना योगदान दिया है उन्होंने कहा कि जब भी देश पर चुनौती आई, आदिवासी समाज दुश्मन के आगे छाती ठोंककर खड़ा रहा। अपना जंगल, ज़मीन और ज़मीर बचाने के लिए वो हमेशा आगे रहा। उन्होंने कहा कि भगवान बिरसा मुंडा और टंट्या मामा ने अंग्रेजों को ऐसी धूल चटाई कि आज भी उनका नाम सम्मान से लिया जाता है। रानी दुर्गावती ने वीरता का अदम्य उदाहरण प्रस्तुत किया है। सीएम ने कहा कि हमने सरकार बनने के बाद अपनी पहली कैबिनेट बैठक रानी दुर्गावती को समर्पित करते हुए जबलपुर में उनकी जयंती मनाते हुए की।

सीएम डॉ. मोहन यादव ने की ये घोषणाएं

इस कार्यक्रम में मुख्यमंत्री डॉ मोहन यादव ने कई बड़ी घोषणाएं की। उन्होंने भगोरिया पर्व को राजकीय पर्व बनाए जाने की अहम घोषणा की। उन्होंने कहा कि ‘अलीराजपुर, झाबुआ, बड़वानी होली पर मनाए जाने वाले भगोरिया उत्सव को राजकीय स्तर पर मनाएंगे। भगोरिया उत्सव में मंत्री शामिल होंगे। साथ ही, एक-एक करके सभी समाज के बड़े उत्सव को राजकीय स्तर पर मनाया जाएगा।’ इसी के साथ उन्होंने कहा कि ‘आने वाले चुनाव से पहले आप जिन जिनको कहेंगे..आपके बीच में जनप्रतिनिधि बनने के लिए हम उनके पहले ही तय कर देंगे क्योंकि ये आपका अधिकार है। पेसा एक्ट के माध्यम से छोटे से छोटे स्थान पर भी आपको पावर देते हुए सरकार के माध्यम से जो आपने अपने देवी-देवताओं के स्थान बनाए हैं, सबको अच्छे से अच्छा करने का प्रयास करेंगे।’

जनजातीय कलाकारों को प्रोत्साहन राशि देने की घोषणा, कई बड़े ऐलान

सीएम ने घोषणा की कि जिन क्षेत्रों में अभी नर्मदा जल नहीं पहुँच रहा है, जल्द से जल्द वहां पहुंचाने का प्रबंध किया जाएगा। उन्होंने कहा कि आने वाले समय में तीन साल के अंदर सभी किसानों को सोलर पंप सरकार के माध्यम से दिलाए जाएंगे। और अगर आप ज्यादा बिजली उत्पन्न करेंगे तो सरकार आपसे बिजली खरीदेगी। वहीं, सुचारू यातायात के लिए सरकारी बसें चलाई जाएंगी। इसी के साथ मुख्यमंत्री ने सीएम हाउस में आए जनजातीय कलाकारों को प्रोत्साहन राशि देने की घोषणा भी की। उन्होंने कहा कि ‘ आज कार्यक्रम में जितने नर्तक दल और वादक दल आए हैं, प्रत्येक जनजातीय कलाकार के खाते में 5000 रुपए दिए जाएंगे। इसके तहत 931 कलाकारों को लगभग छियालीस लाख पचपन हजार की राशि दी जाएगी। जनजातीय संस्कृति के संवर्धन, संरक्षण के लिए प्रति पेसा ग्रामसभा के मान से हर किसी को 3000 की राशि खाते में डाली जाएगी।’ मुख्यमंत्री ने कहा कि हमने टंट्या मामा जैसे वीर नायकों को आदर्श के रूप में स्थापित किया है। उनके नाम पर खरगोन में विश्वविद्यालय बनाने की घोषणा की गई है। उन्होंने कहा कि प्रधानमंत्री आवास योजना में जो लोग रह गए है, जल्द उनको भी शामिल आवास दिलाए जाएंगे। इस आयोजन में पूरे प्रदेश से आदिवासी समाज के पटेल, पुजारा, तडवी, भगत, भूमक, पंडा और धर्माचार्य सम्मिलित हुए।

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