सीएम डॉ मोहन यादव ने वल्लभ भवन में लगी आग की जाँच के दिए आदेश, पुनरावृत्ति नहीं होने के निर्देश…

भोपाल : मध्य प्रदेश के मुख्यमंत्री डॉ मोहन यादव ने वल्लभ भवन में लगी आग के बाद तुरंत एक्शन लिया है और इसकी जाँच के आदेश दिए है, मुख्यमंत्री ने मुख्य सचिव को घटना की मॉनिटरिंग करने के निर्देश दिए हैं, साथ ही ऐसी घटना की पुनरावृत्ति न हो इसके भी निर्देश दिए गए हैं।

पल भर में वल्लभ भवन आग की लपटों और धुएं में घिर गया 

मध्य प्रदेश की राजधानी में आज शनिवार सुबह उस समय अफरा तफरी मच गई जब प्रदेश की सरकार को संचालित करने वाले दफ्तर वल्लभ भवन (मंत्रालय ) की तीसरी मंजिल से धुंआ उठता दिखा दिया, देखते ही देखते सब तरफ धुआं धुआं दिखाई देने लगा और बाहर तक लपटें दिखाई  देने लगी, आग पर  काबू पाने के लिए नगर निगम के फायर अमले की सूचना दी गई और उसने आग बुझाने के प्रयास शुरू किया।

नगर निगम, BHEL, एयर फ़ोर्स स्टेशन और सेना की दमकलों ने मिलकर पाया काबू 

इसी बीच भोपाल प्रशासन ने BHEL, एयर फ़ोर्स स्टेशन और सेना की दमकलों को भी इत्तिला कर दी और फिर सभी ने मिलकर आग को काबू करने का प्रयास शुरू किया , लेकिन जब तक आग पर काबू पाया जाता तब तक यहाँ रखी महत्वपूर्ण फाइलें जलकर ख़ाक हो गई, आग दरअसल तीसरी मंजिल पर लगी लेकिन हवा के कारण ये बढ़ते बढ़ते पांचवी मंजिल तक पहुंच गई जिस पर मशक्कत के बाद काबू किया जा सका।

सीएम डॉ मोहन यादव ने दिए घटना की जाँच के आदेश  

घटना के बाद मुख्यमंत्री डॉ. मोहन यादव एक्शन में आये उन्होंने अधिकारियों से आग की जानकारी ली फिर कहा कि वल्लभ भवन में लगी आग पर नियंत्रण पा लिया गया है। कलेक्टर भोपाल ने सूचना दी कि पुराने वल्लभ भवन में आग लगी है। मुख्य सचिव को घटना की मॉनिटरिंग करने के निर्देश दिए गए हैं। पेपर्स तथा अन्य आवश्यक संसाधनों को सुरक्षित रखने के हर संभव प्रयास किए जा रहे हैं। कोशिश यही होगी कि ऐसी घटना की पुनरावृत्ति ना हो इसके निर्देश दिए गए हैं।

वल्लभ भवन की आग ने सतपुड़ा भवन की आग की याद दिला दी 

आपको बात दें कि आज वल्लभ भवन में लगी आग ने पिछले साल 12 जून 2023 को दूसरे बड़े सरकारी दफ्तर सतपुड़ा भवन में लगी आग की  याद ताजा कर दी, सतपुड़ा भवन वल्लभ भवन के नजदीक ही है, उस आग पर दो दिन में काबू पाया जा सका था, कहा जाता है कि सतपुड़ा भवन की आग में करीब 12 हजार महत्वपूर्ण फाइलें जलकर खाक हो गई थी अन वल्लभ भवन में लगी आग में कितने महत्वपूर्व दस्तावेज जले है और इससे किसको फायदा होगा या नुकसान ये तो समय ही बताएगा।

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