भोपाल : कांग्रेस द्वारा अयोध्या में राम मंदिर उद्घाटन और रामलला प्राण प्रतिष्ठा कार्यक्रम का आमंत्रण ठुकराने के बाद से बीजेपी लगातार उसपर हमलावर है। मुख्यमंत्री मोहन यादव ने इसे दुखद बताया है और कहा है कि उन्हें इस फैसले पर फिर से विचार करना चाहिए। उन्होने कहा कि ऐसा अवसर बहुत प्रतीक्षा के बाद आया है और इस समय राजनीतिक मतभेद से ऊपर उठकर निर्णय लेना चाहिए।
सीएम मोहन यादव ने कांग्रेस को अपने फैसले पर फिर विचार करने की सलाह दी
सीएम मोहन यादव ने कहा है कि “कांग्रेस द्वारा राम मंदिर के ‘प्राण-प्रतिष्ठा समारोह’ के निमंत्रण को ठुकराना दुखद है। विचारों की भिन्नता में संस्कृति को नकारना बेहद दुर्भाग्यपूर्ण है। पता नहीं ये क्या सोचते हैं। अयोध्या के इस अवसर को ठुकराकर वो गलती कर रहे हैं। मैं उनसे निवेदन करना चाहता हूं कि अभी भी 22 तारीख में बहुत समय है और जिन्होने ये निर्णय लिया है उन्हें इसपर फिर से विचार करना चाहिए। ये सोचने वाला विषय है..राजनीति होती रहेगी। विचारों की मतभिन्नता हो सकती है लेकिन कोई अपनी संस्कृति को नकार दे ये बहुत दुर्भाग्य की बात होगी।
कांग्रेस ठुकरा चुकी है राम मंदिर उद्घाटन कार्यक्रम का न्योता
बता दें कि कांग्रेस ने राम मंदिर उद्घाटन में जाने का न्योता अस्वीकार कर दिया है। पार्टी की तरफ से जारी बयान में कहा गया कि इस आयोजन में मल्लिकार्जुन खड़के, सोनिया गांधी समेत कोई कांग्रेसी नेता नहीं जाएगा। कांग्रेस महासचिव जयराम रमेश ने पार्टी की तरफ से जारी बयान में कहा कि बीजेपी और राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ ने इसे एक चुनावी मुद्दा बना दिया है, जबकि धर्म निजी मामला है। उन्होने आरोप लगाया कि बीजेपी चुनावी लाभ के लिए ये आयोजन कर रही है। कांग्रेस के इस स्टैंड के बाद अब बीजेपी उसपर रामविरोधी और सनातन धर्म का विरोधी होने का आरोप लगा रही है।