इस दौरान केंद्रीय स्वास्थ्य मंत्री मनसुख मांडविया ने मध्यप्रदेश को चिकित्सा और स्वास्थ्य क्षेत्र में पूर्ण सहयोग देने की बात कही है।
भोपाल, । मध्य प्रदेश (Mp) में स्वास्थ्य सेवा (health service) को सुधारने के लिए कई बड़े कदम उठाए जा रहे हैं। इसी बीच मध्य प्रदेश सरकार द्वारा आयुष्मान भारत योजना (aushman barat yojana) पर मध्य प्रदेश का अंतरिम प्रतिवेदन तैयार कर लिया गया है। वही जल्दी इसकी रिपोर्ट सरकार को सौंपी जाएगी। इसी बीच आज मध्य प्रदेश में केंद्रीय स्वास्थ्य मंत्री मनसुख मांडविया (Mansukh Mandaviya) ने सीएम हाउस में मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान से मुलाकात की। इस दौरान केंद्रीय स्वास्थ्य मंत्री मनसुख मांडविया ने मध्यप्रदेश को चिकित्सा और स्वास्थ्य क्षेत्र में पूर्ण सहयोग देने की बात कही है।
मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान से आज शाम मुख्यमंत्री निवास पर केंद्रीय स्वास्थ्य मंत्री मनसुख मांडविया ने भेंट की। भेंट में मध्यप्रदेश के स्वास्थ्य और चिकित्सा क्षेत्र के संबंध में चर्चा हुई। चिकित्सा शिक्षा मंत्री विश्वास सारंग और स्वास्थ्य मंत्री डॉ प्रभुराम चौधरी भी उपस्थित थे।
केंद्रीय स्वास्थ्य मंत्री मनसुख मांडविया ने विभागों में कामकाज को बेहतर बनाने के लिए डिजिटल प्लेटफॉर्म के उपयोग, बैठकों और कार्यक्रमों के शेड्यूल को व्यवस्थित बनाने के लिए की गई पहल की जानकारी दी। उन्होंने स्वास्थ्य और चिकित्सा क्षेत्र में मध्यप्रदेश को पूर्ण सहयोग देने की बात कही।
आयुष्मान भारत योजना पर मध्यप्रदेश का अंतरिम प्रतिवेदन तैयार
सीएम शिवराज ने केंद्रीय स्वास्थ्य मंत्री मनसुख मांडविया को बताया कि प्रशासनिक सुधार और सुशासन के लिए मध्यप्रदेश में विचार-विमर्श, चर्चा और बैठकें नियमित रूप से होती हैं। पचमढ़ी में विशेष चिंतन बैठक हुई थी। प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी के आईडियाज को क्रियान्वित करने में मध्यप्रदेश सक्रिय रहता है।
सीएम शिवराज ने बताया कि वाराणसी में हुए सीएम कॉन्क्लेव के बाद मध्यप्रदेश ने आयुष्मान भारत योजना से संबंधित महत्वपूर्ण सुझावों को संकलित किया है। इसका विस्तृत प्रतिवेदन तैयार किया गया है जो शीघ्र ही केंद्र सरकार को सौंपा जाएगा। केंद्रीय मंत्री मांडविया ने कहा कि आप इस प्रतिवेदन से संबंधित प्रेजेंटेशन के लिए आमंत्रित हैं।
सीएम शिवराज ने केंद्रीय स्वास्थ्य मंत्री को मध्यप्रदेश के जनजातीय बहुल क्षेत्रों में अस्पतालों के निर्माण के लिए दी जा रही रियायतों और नवीन मेडिकल कालेजों की स्थापना की योजना की भी जानकारी दी। सीएम शिवराज ने केंद्रीय स्वास्थ्य मंत्री को साँची स्तूप की प्रतिकृति भेंट की और मुख्यमंत्री निवास में उनके आगमन पर पुष्प-गुच्छ से स्वागत किया।
इससे पहले राज्यपाल मंगुभाई पटेल, मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान और केन्द्रीय स्वास्थ्य मंत्री श्री मनसुख मांडविया विश्व सिकलसेल एनीमिया जागरूकता दिवस पर जबलपुर में इण्डियन इंस्टीट्यूट ऑफ इन्फार्मेशन टेक्नालॉजी डिजाइनिंग एण्ड मेन्युफेक्चरिंग (ट्रिपल आईटीडीएम) में सिकलसेल रोग के समग्र प्रबंधन पर कार्यशाला में शामिल हुए। कार्यशाला आईसीएमआर, राष्ट्रीय जनजातीय स्वास्थ्य अनुसंधान संस्थान और लोक स्वास्थ्य एवं परिवार कल्याण विभाग द्वारा की गई।
मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान ने कहा कि कोविड महामारी को सामाजिक सहभागिता से नियंत्रित किया गया था। ठीक इसी प्रकार सिकलसेल एनीमिया के उन्मूलन में भी जन-सहयोग से सफलता मिलेगी। सिकलसेल एनीमिया के उन्मूलन के लिये प्रदेश के सभी जिलों में जन-भागीदारी से जन-जागरूकता अभियान चलाया जायेगा। जगह-जगह नुक्कड़ नाटक, गीत आदि प्रचार-प्रसार के तरीकों से जागरूकता लाई जायेगी। रोग की पहचान के लिये स्क्रीनिंग में भी तेजी लाई जायेगी और इसके लिये आवश्यक संसाधन बढ़ाये जायेंगे।
कोविड महामारी में घर-घर जाकर स्क्रीनिंग की गई थी। इसी प्रकार की कार्य-योजना सिकलसेल एनीमिया की रोकथाम और बचाव के लिये भी क्रियान्वित की जायेगी। उन्होंने कहाकि योग, आयुर्वेद और जन-सहयोग से सिकलसेल की रोकथाम के प्रभावी कार्य होंगे। जन-सहयोग के साथ राज्य और जिला स्तर पर टॉस्क फोर्स का गठन किया जायेगा। टॉस्क फोर्स द्वारा सिकलसेल उन्मूलन के लिये कार्य करने के इच्छुक नागरिकों का सहयोग लिया जायेगा। रोग के उपचार में नवीन चिकित्सा तकनीकों का प्रयोग करें, जिससे यह रोग अगली पीढ़ी में न जाये। मुख्यमंत्री श्री चौहान ने कहा कि सिकलसेल के मरीज अपने को अकेला न समझें, प्रदेश सरकार उनके साथ है।
केन्द्रीय स्वास्थ्य मंत्री मनसुख मांडविया ने कहा कि सिकलसेल उन्मूलन के लिये यह कार्यशाला महत्वपूर्ण है। सिकलसेल बीमारी पीढ़ी-दर-पीढ़ी चलती है। इसकी रोकथाम के लिये दीर्घ कार्य-योजना पर कार्य किया जा रहा है। आजादी के अमृत महोत्सव में हमारा लक्ष्य है कि स्वास्थ्य की दृष्टि से सभी सुखी हों। उन्होंने कहा कि सिकलसेल एनीमिया की समग्र रोकथाम और प्रबंधन में सभी को जरूरी स्वास्थ्य सुविधाएँ मिलें, इसके लिये हेल्थ एण्ड वेलनेस सेंटर कार्य कर रहे हैं।
पीड़ितों की 13 प्रकार की जाँच कर उन्हें आवश्यक दवाइयाँ और टेलीमेडिसिन सुविधा उपलब्ध कराई जा रही है। गरीबों को आयुष्मान भारत योजना का लाभ देकर उन्हें स्वास्थ्य सुरक्षा दी जा रही हैं। सिकलसेल, टी.बी., मलेरिया, थैलेसीमिया आदि रोगों के उपचार के लिये बड़े स्तर पर प्रयास किये जा रहे हैं। इन प्रयासों में समुदाय की भागीदारी ली जा रही है। समाज और सरकार जब मिल कर कोई कार्य करते हैं, तो सफलता अवश्य मिलती है।
लोक स्वास्थ्य एवं परिवार कल्याण मंत्री प्रभुराम चौधरी ने भी सिकलसेल एनीमिया के रोकथाम और बचाव के लिये प्रदेश में किये जा रहे कार्यों की जानकारी दी। उन्होंने कहा कि हीमोग्लोबिनपैथी मिशन में आज लोकार्पित सिकलसेल पोर्टल में डिजिटल हेल्थ रिकॉर्ड संधारित होगा। सिकलसेल की रोकथाम के लिये शुरूआत में ही इसकी पहचान आवश्यक है, जिससे समय पर उचित उपचार किया जा सके। रोग से पीड़ित व्यक्ति के लिये केयर-सेंटर बनाये गये हैं, जहाँ मरीजों की जाँच और उपचार होता है।