नई दिल्ली : एलजी वीके सेक्सेना की ओर से बिजली सब्सिडी मामले की जांच का आदेश दिए जाने के बाद भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) ने दिल्ली के सीएम अरविंद केजरीवाल पर गंभीर आरोप लगाए हैं। बीजेपी ने घोटाले का आरोप लगाते हुए कहा है कि कमीशन का पैसा दिल्ली के सीएम तक पहुंचा। भाजपा ने दिल्ली सरकार से कई सवाल किए हैं। बीजेपी ने कहा कि केजरीवाल डिस्कॉम कंपनियों को चोर कहते थे, लेकिन अब खुद चोरी कर रहे हैं। 2016 में कैबिनेट ने हर साल ऑडिट कराने का फैसला किया था, लेकिन एक बार भी ऑडिट नहीं किया गया। दिल्ली की विपक्षी पार्टी ने कहा कि सीएम ने अपने खास आदमियों को बोर्ड में रखा, ताकि घोटाला कर सकें। घोटाले में सबसे अधिक भूमिका जैस्मीन शाह की है जो केजरीवाल के करीबी हैं।
भाजपा प्रवक्ता सैयद जफर इस्लाम ने कहा कि अरविंद केजरीवाल चीख-चीख के कहते थे कि दिल्ली में डिस्कॉम कंपनियों चोर हैं। हम इनको बदलेंगे। उन्होंने कहा, ”2013 में केजरीवाल कहते थे कि हम इन कंपनियों को बदल देंगे, क्योंकि ये चोर हैं। लेकिन आज ऐसी क्या मजबूरी थी केजरीवाल आप इन कंपनियों से साठगांठ करके खुद चोरी कर रहे हैं। बीआरपीएल और बीआईपीएल में 51 फीसदी शेयर अनिल अंबानी का है और दिल्ली सरकार की 49 फीसदी हिस्सेदारी है। दिल्ली सरकार का 21250 करोड़ बकाया था इन दो कंपनियों पर। तीसरी कंपनी टाटा ने पूरा भुगतान कर दिया है। केजरीवाल ने बोर्ड में दिल्ली सरकार के प्रतिनिधियों को बदल दिया। रिटायर्ड अधिकारियों को हटाकर अपने खास लोगों को रखा ताकि घोटाला करने में आसानी हो।”
भाजपा ने कहा कि जैस्मीन शाह, एनडी गुप्ता, उमेश त्यागी और जैश देशवाल का नाम लेते हुए केजरीवाल सरकार पर आरोप लगाए। जफर इस्लाम ने कहा कि केजरीवाल सरकार ने एक बार भी ऑडिट नहीं कराया क्योंकि ऑडिट कराया गया होता तो सारी बातें सामने आ जातीं। दूध का दूध पानी का पानी हो जाता। जफर इस्लाम ने कहा, ”केजरीवाल ने अपने ही कैबिनेट के निर्णय को, जो 2016 में लिया था, उसे नजरअंदाज किया। उस कैबिनेट का निर्णय था कि हर साल डिस्कॉम का ऑडिट किया जाएगा, ताकि इसमें कोई घोटाला ना हो, लेकिन ऑडिट नहीं किया गया।”