भोपाल : मध्य प्रदेश के पूर्व मुख्यमंत्री और राज्यसभा सांसद दिग्विजय सिंह को भोपाल की एक अदालत ने मानहानि के एक मामले में शनिवार को जमानत दी। यह मामला भाजपा के प्रदेश अध्यक्ष विष्णु दत्त शर्मा द्वारा दायर एक मामले के सिलसिले में आया है। मामले की सुनवाई 11 जनवरी, 2023 को निर्धारित की गई थी, जब दिग्विजय सिंह अदालत में पेश नहीं हुए। इसके बाद सुनवाई की तारीख 3 फरवरी तक बढ़ा दी गई थी जब उन्हें अपना बयान दर्ज कराना था लेकिन राज्यसभा सांसद फिर से पेश नहीं हुए। हालाँकि, आज कांग्रेस नेता भोपाल की एक जिला अदालत पहुंचे और अपना बयान दर्ज कराया, जिसके बाद उन्हें जमानत दे दी गई।
चार राज्यों में लड़ रहे मानहानि का मुकदमा
कोर्ट से निकलते वक़्त उन्होंने कहा, “आज मुझे इस मामले में जमानत मिल गई है। मैं चार राज्यों में मानहानि का मुकदमा लड़ रहा हूं। इस मामले में सीबीआई जांच की मांग की गई थी, लेकिन ऐसा नहीं किया गया। व्यापमं मामले में कई लोग आरोपी हैं लेकिन शिवराज सरकार ने उनके खिलाफ कोई कार्रवाई नहीं की और वे सरकारी आवासों में रह रहे हैं। उन्होंने आगे कहा, “यह शिवराज सिंह चौहान और उनके एजेंटों की साजिश है, जिन्होंने राज्य को लूटा है।”
क्या था मामला?
बीजेपी के मौजूदा प्रदेश अध्यक्ष वीडी शर्मा ने मानहानि का मुकदमा दायर कर कोर्ट को बताया कि 4 जुलाई 2014 को दिग्विजय सिंह ने इलेक्ट्रॉनिक और प्रिंट मीडिया के सामने उन पर आरोप लगाया था कि वीडी शर्मा एबीवीपी के महासचिव रह चुके हैं और उन्होंने व्यापमं घोटाले में बतौर मिडिल मैन काम किया।
जैसे ही यह खबर आम लोगों के बीच फैली, उनकी छवि धूमिल हुई। इसी के चलते उन्होंने कोर्ट में मानहानि का मुकदमा दायर किया था। कोर्ट ने 5 दिसंबर 2022 को दिग्विजय सिंह के खिलाफ भारतीय दंड संहिता (IPC) की धारा 500 (मानहानि के लिए सजा) के तहत मामला दर्ज किया गया था।