विधानसभा चुनाव के लिए मिशन मोड में जुटी कांग्रेस 15 दिनों में चुनावी रोडमैप तैयार करेगी। पीसीसी चीफ कमलनाथ के घर हुई बैठक में कांग्रेस नेताओं ने ये फैसला लिया है। जानकारी के मुताबिक 20 अप्रैल को दूसरी मीटिंग बुलाई गई है, जिसमें चुनावी रणनीति को अंतिम रूप दिया जाएगा। बैठक में निर्णय लिया गया कि शिवराज सरकार के खिलाफ पूरे प्रदेश में बड़े आंदोलन किए जाएंगे और हर 15 दिन में दिग्गजों की बैठक होगी।
भोपाल में सोमवार को हुई पार्टी की इस महत्वपूर्ण बैठक में राज्यसभा सांसद दिग्विजय सिंह, पूर्व प्रदेश अध्यक्ष अरुण यादव, अजय सिंह राहुल, सुमित पचौरी समेत तमाम क्षत्रप मौजूद थे। इस दौरान पार्टी में एकजुटता बनाए रखने को लेकर विशेष चर्चा हुई और सबने एकजुट होकर विधानसभा चुनाव लड़ने की बात पर सहमति जताई।
बैठक के बाद कमलनाथ के केंद्र में जाने या पीसीसी चीफ का पद छोड़ने की अटकलों पर भी विराम लग गया। सभी नेताओं ने सर्वसम्मति से फैसला लिया कि पार्टी कमलनाथ के नेतृत्व में ही विधानसभा चुनाव लड़ेगी और सीएम कैंडिडेट भी कमलनाथ ही होंगे। दरअसल, बैठक से पूर्व कयास लग रहे थे कि इस दौरान ‘वन पर्सन, वन पोस्ट’ के फॉर्मूले पर चर्चा किया जाएगा और कमलनाथ को नेता प्रतिपक्ष अथवा पीसीसी चीफ में से कोई एक पद छोड़ना होगा।
बैठक के बाद पूर्व मंत्री तरुण भनोत ने कहा कि सरकार के खिलाफ बेरोजगारी, आर्थिक बदहाली, किसान, भ्रष्टाचार, कानून व्यवस्था, शराब जैसे मामलों पर बड़े आंदोलन किए जाएंगे। उन्होंने कहा की चार लाख करोड़ का कर्जा मध्य प्रदेश पर है। जनता बेहाल है। पंचायत स्तर से लेकर राजधानी स्तर तक आंदोलन होंगे। संगठन में जो बदलाव होता है वह होता रहेगा, लेकिन हम कमलनाथ के नेतृत्व में ही चुनाव लड़ेंगे।
कांग्रेस के कार्यकारी अध्यक्ष जीतु पटवारी ने कहा कि, ‘जनता के महत्वपूर्ण मुद्दे उठाने के लिए आंदोलन की विस्तृत कार्य योजना तैयार कर ली गई है और जल्द ही राज्य की जनता देखेगी कि कांग्रेस पार्टी कैसे सड़क से लेकर विधानसभा तक पूरे प्रदेश में जनता के मुद्दों पर जन आंदोलन खड़ा करेगी। इससे पहले PCC दफ्तर में हुई बैठक में कमलनाथ ने प्रदेश से युवा कांग्रेस के पदाधिकारियों से कहा कि वे वॉट्सऐप और फेसबुक की राजनीति से बाहर आएं। फेसबुक और वॉट्सऐप की राजनीति से ऊपर उठें क्योंकि इससे कुछ हासिल नहीं होना। उन्होंने युवाओं को जमीन पर आम लोगों की लड़ाई लड़ने को कहा।