भोपाल : कांग्रेस मध्य प्रदेश में 19 सितंबर गणेश चतुर्थी के दिन से जन आक्रोश यात्रा निकालने जा रही है। इस बात की घोषणा आज एक प्रेस कॉन्फ्रेंस में की गई। ये 7 यात्राएं प्रदेशभर में करीब 15 दिन में 11 हजार 400 किलोमीटर की दूरी तय करेगी इस दौरान यात्राएं प्रदेश के सभी 230 विधानसभा क्षेत्रों में जाएंगी। इसका नेतृत्व अलग अलग स्थानों पर कांग्रेस के वरिष्ठ नेता करेंगे। कमलनाथ ने कहा कि इस यात्रा का लक्ष्य है कि प्रदेश की जनता को गुमराह करने और डराने की राजनीति से जनता को सावधान किया जाएगा।
कांग्रेस की जन आक्रोश यात्रा
कांग्रेस द्वारा निकाली जा रही जन आक्रोश यात्रा में नेता प्रतिपक्ष डॉ. गोविंद सिंह 1600 किलोमीटर तक नेतृत्व करेंगे। वहीं अरुण यादव 1700 किलोमीटर, कमलेश्वर पटेल 1900 किलोमीटर, अजय सिंह राहुल 1400 किलोमीटर, सुरेश पचौरी 1400 किलोमीटर, कांतिलाल भूरिया 1700 किलोमीटर और जीतू पटवारी 1700 तक नेतृत्व करेंगे। इस दौरान कमलनाथ भी प्रदेशभर में होने वाली इन 7 यात्राओं में शामिल होंगे। इस यात्रा के बारे में जानकारी देते हुए कांग्रेस नेता रणदीप सुरजेवाला ने कहा कि मध्य प्रदेश की बर्बादी और बदहाली के खिलाफ ये यात्रा निकाली जा रही है और इसमें कांग्रेस के हजारों कार्यकर्ता, सहयोगी और नेता शामिल होंगे।
कांग्रेस का DNA
कमलनाथ ने कहा कि मैं ये याद दिलाना चाहता हूं कि 1947 से लेकर 1969 तक कांग्रेस का चुनाव चिन्ह बैल की जोड़ी था। इसके बाद 1969 से 1977 तक हमने गाय और बछड़े को अपना चुनाव चिन्ह चुना। ये इस बात का प्रतीक है कि हम हमेशा अपनी कृषि व्यवस्था, गौ माता और भारतीय संस्कृति के परिचायक रहे हैं। इसके बाद जब चुनाव आयोग द्वारा हमारा चिन्ह फ्रीज किया गया तो हमने हाथ का पंजा चुना जो कर्म और भारतीय संस्कृति का प्रतीक है। उन्होने कहा कि ये कांग्रेस का DNA है। हर पार्टी का भी एक डीएनए होता है और कांग्रेस का डीएनए है कि वो हमेशा से भारतीय संस्कृति, परंपराओं, ग्राम्य जीवन और कृषि व्यवस्था को लेकर संवेदनशील रही है।
पूर्व मुख्यमंत्री ने कहा कि इस समय जो मध्य प्रदेश की तस्वीर और स्थिति है वो किसी से छिपी नहीं। आज सबसे बड़ी चुनौती बेरोजगार नौजवान हैं। यही नौजवान जो मध्य प्रदेश के भविष्य का निर्माण करेंगे। अगर इनका ही भविष्य अंधेरे में रहा तो प्रदेश का क्या भविष्य होगा। उन्होने कहा कि आज के नौजवान और तीस साल पहले के नौजवान में बहुत अंतर है। आज के पढ़े लिखे नौजवानों को रोजगार नहीं मिल रहा है। कई बार वो इंटरव्यू में फेल हो जाते हैं क्योंकि उन्हें इसकी ट्रेनिंग नहीं मिली है। इंटरव्यू देना भी एक स्किल होता है। युवाओं ने बीटेक एमबीए तो कर लिया लेकिन जब इंटरव्यू में सवाल पूछे गए तो वो फेल हो जाते हैं। खासकर हमारे ग्रामीण क्षेत्रों के नौजवानों के लिए ये एक बड़ी चुनौती है क्योंकि मध्य प्रदेश एक ग्रामीण प्रदेश हैं, एक कृषि प्रदेश है। हमारी 70 प्रतिशत आर्थिक गतिविधियां कृषि पर आधारित हैं और हमें आज किसानों, नौजवानों सहित सभी का भविष्य सुरक्षित करने की आवश्यकता है।
कमलनाथ ने बीजेपी के 4 चेहरे बताए
इस मौके पर कमलनाथ ने प्रदेश की बीजेपी सरकार पर हमला करते हुए कहा कि चुनावों से पहले जनता को बरगलाने के लिए भाजपा नेताओं की भीड़ दिल्ली से आ रही है। उन्होने सवाल किया कि भाजपा को अपने 15 साल के मुख्यमंत्री के नाम पर वोट मांगने में शर्म क्यों आ रही है। आज वो शिवराज सिंह चौहान के नाम पर वोट मांगने में संकोच कर रहे हैं, ये बात सोचने समझने वाली है। इसीलिए इनको बाहर से नेता लाने की आवश्यकता पड़ रही है। कमलनाथ ने कहा कि आज भाजपा का मूल चेहरा खो गया है और अब उसके चार चेहरे हैं जो है बनावटी, दिखावटी, मिलावटी और सजावटी भाजपा।
कमलनाथ ने कहा कि मुझे मध्य प्रदेश के मतदाताओं पर पूरा भरोसा है। तीन महीने में चुनाव होने हैं और ये किसी पार्टी या उम्मीदवार का चुनाव नहीं है..ये मध्य प्रदेश के भविष्य का चुनाव है। आज बीजेपी ने भ्रष्टाचार को एक व्यवस्था बना दिया है। प्रदेश का हर व्यक्ति या तो भ्रष्टाचार का शिकार है या उसका गवाह है। हमें मध्य प्रदेश को भ्रष्टाचार, अत्याचार, अन्याय, घोटालों से मुक्ति दिलाना है और इसकी तस्वीर बदलनी है। उन्होने कहा कि आज का मतदाता सारी बातें अच्छे से समझ रहा है और मुझे प्रदेश की जनता पर पूरा विश्वास है कि वो सही का चुनाव करेगी।