भोपाल : राजधानी भोपाल में देश के पहले क्षेत्रीय राष्ट्रीय रोग नियंत्रण केंद्र (क्षेत्रीय एनसीडीसी) की स्थापना की जायेगी। चिकित्सा शिक्षा मंत्री विश्वास कैलाश सारंग के निवास स्थित कार्यालय पर क्षेत्रीय एनसीडीसी केंद्र के लिए भूमि आवंटन के सम्बंध में बैठक की गयी।
क्षेत्रीय एनसीडीसी केंद्र की होगी भोपाल में स्थापना
मंत्री विश्वास सारंग की अध्यक्षता में हुई बैठक में बताया गया कि प्रधानमंत्री आयुष्मान भारत स्वास्थ्य अधोसंरचना मिशन (PM – ABHIM) के अंतर्गत भारत सरकार के लोक स्वास्थ्य एवं परिवार कल्याण मंत्रालय के साथ मिलकर मध्यप्रदेश के भोपाल में नेशनल सेंटर फॉर डिसीज कंट्रोल (एनसीडीसी) के क्षेत्रीय केंद्र की होगी स्थापना।
5 राज्यों में सबसे पहले भोपाल में होगी एनसीडीसी क्षेत्रीय केंद्र की स्थापना
PM – ABHIM के अंतर्गत देश के पांच राज्यों में एनसीडीसी के क्षेत्रीय केंद्र की स्थापना की जाना है। भारत सरकार द्वारा चिन्हित शहरों में भोपाल, गुवाहाटी, देहरादून, अहमदाबाद एवं बेंगलुरु में होना है इस क्षेत्रीय केंद्र की स्थापना। जिसमें मंत्री विश्वास सारंग के पहल से सबसे पहले भोपाल में एनसीडीसी क्षेत्रीय केंद्र स्थापित किया जाएगा।
10 एकड़ में 100 करोड़ से बनेगा NCDC का क्षेत्रीय केंद्र
एनसीडीसी के क्षेत्रीय कार्यालय की आवश्यकता के अनुसार 10 एकड़ भूमि को भोपाल में चिन्हित किया जा रहा है, जिसमें निर्माण कार्य, उच्च कोटि के उपकरण, फर्नीचर एवं मानव संसाधन आदि हेतु राशि रु 100 करोड़ की अनुमानित व्यय किया जाएगा।
मध्यप्रदेश चिकित्सा शिक्षा होगा नोडल विभाग
एनसीडीसी के क्षेत्रीय केंद्र की स्थापना हेतु मध्यप्रदेश का चिकित्सा शिक्षा विभाग नोडल विभाग होगा और गांधी चिकित्सा महाविद्यालय का कम्युनिटी मेडिसिन विभाग समन्वय का कार्य करेगा।
अनुसंधान और स्थानीय स्वास्थ्य समस्याओं के निराकरण में मिलेगी मदद
एनसीडीसी के क्षेत्रीय केंद्र में प्रदेश में होने वाली सभी बीमारियों की रोकथाम, उपचार एवं प्रोटोकॉल को निर्धारित करने के लिए नीति तैयार की जाएगी।
एपिडेमिक इंटेलिजेंस सर्विसेस (EIS) की सेवाओं को इस केंद्र में प्रारंभ किया जाएगा। जिससे महामारी की प्राथमिक रोकथाम, आंकलन, पूर्व तैयारी के लिए अनुसंधान, स्थानीय स्वास्थ्य समस्याओं के निराकरण के लिए कार्य किया जाएगा।
क्षेत्रीय केंद्र विश्व स्तरीय स्वास्थ्य संघठनों से करेगा समन्वय
एनसीडीसी का क्षेत्रीय केंद्र विश्व स्वास्थ्य संगठन, CDC, UNICEF, UNDP आदि स्वास्थ्य संबंधी अंतरराष्ट्रीय संस्थाओं से समन्वय स्थापित करेगा और अंतर्राष्ट्रीय प्रोटोकॉल को निर्धारित करने में महती भूमिका निभाएगी। एन्टी माइक्रोबियल रेसिस्टेंस (AMR) के संबंध में नीति और विजिलेंस का कार्य भी यह केंद्र करेगा।