भोपाल : मध्य प्रदेश उच्च न्यायालय ने बागेश्वरधाम पीठाधीश्वर पंडित धीरेंद्र शास्त्री के खिलाफ सोशल मीडिया परा डाली गई गलत जानकारियों की याचिका पर सुनवाई की गई। जिस पर उच्च न्यायालय ने सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म यूट्यूब, फेसबुक, X (पूर्व ट्विटर) पर अवमानना की नोटिस जारी कर जवाब मांगा है। वहीं संबंधित अधिकारियों से जवाब मांगते हुए इस मामले में अगली सुनवाई चार सप्ताह बाद होनी है। आपको बता दें पूर्व विधायक आरडी प्रजापति और कुछ अन्य लोगों के द्वारा सोशल मीडिया पर पंडित धीरेंद्र शास्त्री के खिलाफ गलत बयानी की थी। जिसको कोर्ट ने हटाने की बात कही थी। लेकिन सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म ने उस कंटेट को हटाया नहीं। जिसको लेकर कोर्ट ने जवाब तलब किया है।
ये है पूरा मामला
पंडित धीरेंद्र शास्त्री के शिष्य रंजीत पटेल ने मध्य प्रदेश हाई कोर्ट में एक याचिका दायर की थी। जिसमें उन्होंने कोर्ट को बताया था कि सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म पर बिना किसी तथ्य के बागेश्वर धाम के खिलाफ भ्रामक वीडियो और कटेंट डाला गया है। जिसके खिलाफ संबंधित अधिकारियों के द्वारा कोई भी उचित कार्रवाई नहीं की जा रही है। वहीं इस सुनवाई के बाद उच्च न्यायालय ने सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म को आपत्तिजनक वीडियो हटाने का आदेश दिया था।
न्यायालय ने भेजा सोशल मीडिया प्लेट्फॉर्म को नोटिस
आपको बता दें पंडित धीरेंद्र शास्त्री के शिष्य रंजीत पटेल की याचिका पर वकील पंकज दूबे और रितिका गुप्ता ने कोर्ट में पक्ष रखा। उन्होंने कहा कि बागेश्वर धाम की प्रतिभा भारत ही नहीं बल्कि पूरे विश्व में फैली है। वह सनातन धर्म के पूज्यनीय संत हैं। वहीं इनकी छवि को धूमिल करने के कारण पूर्व विधायक आरडी प्रजापति द्वारा भ्रामक और तथ्यहीन वीडियो को सोशल मीडिया पर डाला गया था। वहीं वकील पंकज दूबे ने कहा कि वीडियो के खिलाफ सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म ने कोई भी उचित कार्रवाई नहीं की है। न्यायालय ने उनकी बात को सुनकर सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म के संबंधित अधिकारियों के खिलाफ न्यायालय की अवमानना करने की नोटिस जारी कर जवाब तलब किया है।