कुतुब मीनार को विष्णु स्तंभ घोषित करने की मांग के बीच अब इस ऐतिहासिक परिसर की खुदाई की जाएगी। केंद्र सरकार ने कुतुब मीनार परिसर की खुदाई के निर्देश दिए हैं। रिपोर्ट्स के मुताबिक केंद्रीय संस्कृति मंत्रालय ने पुरातत्व विभाग को परिसर की खुदाई और Iconography की जिम्मेदारी दी है।
संस्कृति मंत्रालय के सचिव ने शनिवार को अधिकारियों के साथ साइट विजिट में ये फैसले लिए हैं। सूत्रों से मिली जानकारी के मुताबिक, मीनार के दक्षिण में मस्जिद से 15 मीटर की दूरी पर खुदाई शुरू की जा सकती है। मंत्रालय ने पुरातत्व विभाग को कहा है कि सर्वे कर मूर्तियों की डिटेल रिपोर्ट तैयार करें। यह फैसला ऐसे समय में लिया गया है जब कुतुब मीनार विवाद को लेकर साकेत कोर्ट में 24 मई को सुनवाई होनी है।
बता दें कि दिल्ली के साकेत कोर्ट में 17 मई को कुतुबमीनार परिसर में पूजा की मांग करने वाली याचिका पर सुनवाई टल गई थी। यूनाइटेड हिंदू फ्रंट नामक संगठन ने इसी साल न्यायालय में याचिका दायर कर कहा है कि कुतुबमीनार स्थित कुव्वत-उल-इस्लाम मस्जिद को हिन्दू और जैन धर्म के 27 मंदिर को तोड़कर बनाया गया है। ऐसे में वहां फिर से मूर्तियां स्थापित की जाएं और पूजा करने की इजाजत दी जाए।
कुतुब मीनार का नाम बदलने की मांग भी हाल के दिनों में सुर्खियों में रही है। हिंदू संगठनों ने बीते दिनों वहां हनुमान चालीसा का पाठ किया था और ऐतिहासिक धरोहर का नाम बदलकर विष्णु स्तंभ रखने की मांग की थी। कुतुब मीनार के अस्तित्व को लेकर वर्षों से क्या कहानियां गढ़ी जाती रही है। ज्ञानवापी विवाद के बीच इस विवाद को भी बल मिल गया है।
एक निजी चैनल को दिए इंटरव्यू में पुरातत्व विभाग के पूर्व रीजनल डायरेक्टर धर्मवीर शर्मा ने दावा किया है कि कुतुब मीनार को कुतब-उद-दीन ऐबक ने नहीं बनवाया था। यह कुतुब मीनार नहीं, बल्कि सन टॉवर है। उन्होंने कहा कि इसके दरवाजे नॉर्थ फेसिंग हैं, ताकि इससे रात में ध्रुव तारा देखा जा सके।