UP की तरह में MP में भी दुकानदार का नाम लिखने की मांग, BJP विधायक रमेश मेंदोला ने लिखा सीएम को पत्र, कांग्रेस ने विरोध किया…

भोपाल : उत्तर प्रदेश सरकार ने कांवड़ियों की आस्था और उनके तप की शुद्धता को ध्यान में रखते हुए उनके रास्ते में पड़ने वाले सभी दुकानों, ठेलों, ढाबों पर उसके मालिक का नाम लिखने का आदेश दिया है इस आदेश एक बाद दुकानदारों ने अपना सही नाम दुकानों पर लिख दिया है अब मध्य प्रदेश में भी ऐसा ही आदेश लागू करने की मांग उठ रही है, भाजपा विधायक रमेश मेंदोला ने मुख्यमंत्री डॉ मोहन यादव को पत्र लिखकर इसे लागू करने का अनुरोध किया है उधर विधायक का पत्र सामने आते ही कांग्रेस ने इसका विरोध शुरू कर दिया है।

दुकानदार को अपना नाम बताने में गर्व होना चाहिए, शर्म नहीं

इंदौर से भाजपा विधायक रमेश मेंदोला ने कहा है कि किसी भी व्यक्ति का नाम उसकी पहचान होता है। व्यक्ति को अपने नाम पर गर्व होता है। नाम पूछना ग्राहक का अधिकार है और दुकानदार को अपना नाम बताने में गर्व होना चाहिए, शर्म नहीं। मध्य प्रदेश के हर छोटे बड़े व्यापारी, कारोबारी और दुकानदार को अपना नाम बताने में गौरव के इस भाव की अनुभूति हो सके इसलिए मुख्यमंत्री जी को पत्र लिखकर मध्य प्रदेश में हर दुकान के सामने दुकानदार का नाम लिखने का आदेश देने का आग्रह किया है।

BJP विधायक रमेश मेंदोला की मांग एमपी में भी लिखा जाये दुकानदारों का नाम 

उन्होंने कहा कि ऐसा करने से समाज में दुकानदार की पहचान स्थापित होगी और सभी दुकानदार अपना नाम और गुडविल बढ़ाने के लिए ग्राहकों को बेहतर सेवा देने के प्रयास करेंगे इससे व्यापार जगत में स्वस्थ प्रतिस्पर्धा होगी और प्रदेश का विकास और अधिक तीव्र गति से होगा, इसलिए मध्य प्रदेश में दुकानों के बाहर दुकानदार का नाम लिखा जाना चाहिए।

कांग्रेस प्रवक्ता ने भाजपा विधायक की मांग का विरोध किया 

भाजपा विधायक रमेश मेंदोला का पत्र सामने आने के बाद मध्य प्रदेश कांग्रेस के प्रवक्ता मिथुन अहिरवार ने इसका  विरोध किया, उन्होंने कहा, मुख्यमंत्री जी, उत्तर प्रदेश मॉडल का अनुसरण मध्य प्रदेश में भी होना, यह मध्य प्रदेश के लिए चिंताजनक विषय है। उत्तर प्रदेश में ठेले पर ठेलेवाले का नाम लिखने के निर्णय का आपके सहयोगी दलों ने भी विरोध किया है। आपके एक विधायक के द्वारा मध्य प्रदेश में भी यही कृत्य करने की मांग की गई है जिसका दलित समाज की ओर से एवं कांग्रेस पार्टी की ओर से मैं विरोध करता हूं, कई बार दलित समाज के लोग जो भोजन बनाने की व्यवस्था में लिप्त हैं उनको पूर्वाग्रह की नजर से देखा जाता है। 

किसी के नाम से यह पता नहीं चलता कि भोजन शुद्ध शाकाहारी है या मांसाहारी

उन्होंने कहा  वैसे भी किसी के नाम से यह पता नहीं चलता कि भोजन शुद्ध शाकाहारी है या मांसाहारी, सभी समाज के लोग सभी तरीके के भोजन की प्राथमिकताएं रखते हैं, यदि पहले नाम का जिक्र किया जाए तो गुड्डू, मुन्ना, लकी, जैसे नाम इनसे किसी का धर्म या जात नहीं पता चलता, आगे जाकर हो सकता है मांग की जाए कि पूरा नाम सरनेम सहित लिखा जाए।अतः मध्य प्रदेश के दलित समाज से जुड़े एक नागरिक के तौर पर मैं आप से मांग करता हूं कि आपके विधायक की इस मांग को खारिज किया जाए तथा मध्य प्रदेश में ऐसी कोई भी पूर्वाग्रह से ग्रसित अथवा घृणित राजनीति को स्थान न दिया जाए।

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