महिलाओं की खाली प्लॉट से तुलना कर बैठे धीरेंद्र शास्त्री, महिला आयोग में दर्ज हुई शिकायत…

नई दिल्ली : बागेश्वर धाम के महंत धीरेंद्र कृष्ण शास्त्री अक्सर अपने बयानों को लेकर सुर्खियों में रहते हैं। वह अब तक वह कई विवादित बयान दे चुके हैं। अभी हाल ही में ग्रेटर नोएडा में अपनी कथा के दौरान धीरेंद्र कृष्ण शास्त्री ने महिलाओं को लेकर एक ऐसी टिप्पणी की जो महिलाओं की भावनाओं को आहत करने का काम कर रही है। महिलाओं पर दिए गए बयान में धीरेंद्र शास्त्री ने महिलाओं की मानहानि करते हुए उन्हें वस्तु में बदल दिया है। अब तक समाज में महिलाओं को हमेशा संपत्ति की तरह देखा गया है। वहीं धीरेंद्र शास्त्री ने भी महिलाओं की खाली प्लॉट से तुलना कर दी जिसके बाद महिला संगठनों में आक्रोश बढ़ गया।

महिलाओं को संपत्ति बताना धीरेंद्र शास्त्री को पड़ा महंगा

दरअसल, धीरेंद्र शास्त्री ने सिंदूर और मंगलसूत्र का उदाहरण देते हुए महिलाओं की तुलना खाली प्लाट से की है। इस बयान के बाद आजाद अधिकारी सेना की महासचिव और सामाजिक कार्यकर्ता नूतन ठाकुर द्वारा राष्ट्रीय महिला आयोग में शिकायत दर्ज करवाई गई है। शिकायत दर्ज करवाते हुए उन्होंने कहा है कि इस तरह का बयान अमर्यादित है। इस पर साख एक्शन लिया जाना चाहिए साथ ही सख्त जांच की जाना चाहिए। क्योंकि महिलाओं की मांग में सिंदूर और गले में मंगल सूत्र नहीं होने पर प्लाट खाली होने संबंधी बयान घोर अनुचित व आपत्तिजनक है। ऐसे में उन्होंने राष्ट्रीय महिला आयोग से इन तथ्यों का संज्ञान लेते हुए अविलंब कार्रवाई की मांग की है।

आपको बता दें, ग्रेटर नोएडा में अपनी कथा के दौरान धीरेंद्र कृष्ण शास्त्री ने महिलाओं को लेकर यह बयान दिया था। इस बयान के बाद समाज सेविका नूतन ठाकुर ने आरोप लगाया है कि ग्रेटर नोएडा में आयोजित भागवत कथा के दौरान महिलाओं के लिए धीरेंद्र शास्त्री ने अपशब्द कहे। भारत की महिलाएं लज्जित और अपमानित महसूस कर रही है। यह भी जानकारी सामने आई है कि सोशल मीडिया पर धीरेंद्र शास्त्री के इस बयान के बाद मीम्स बनाकर महिलाओं के लिए तमाम प्रकार की टिप्पणियां की जा रही है। ये बहुत ही आपत्तिजनक है।

सपा नेता स्वामी प्रसाद मौर्य ने किया ट्वीट

इस मामले में सपा नेता स्वामी प्रसाद मौर्य ने भी एक ट्वीट शेयर किया है जिसमें उन्होंने लिखा है कि ये बागेश्वर वाले बाबा हैं या लखैरा, टपोरी, लम्पटाचार्य? जो महिलाओं के प्रति इतनी ओछी और गन्दी भाषा का प्रयोग करते हुए कहता है कि “जिस महिला की मांग में सिंदूर लगा हो और गले में मंगलसूत्र लटक रहा हो तो हम समझते है कि इसकी रजिस्ट्री हो चुकी है। जिस महिला की मांग में सिंदूर न लगा हो और गले में मंगलसूत्र न बंधा हो तो हम सोचते है कि ये प्लाट खाली है। बाबा का यह घटिया बयान देश की समस्त महिलाओ का घोर अपमान है, इसकी कड़ी निंदा करता हूँ तथा इस बयान पर साधु-संतो, मठाधीशों-धर्माचार्यों व पंडे-पुजारियों की चुप्पी और भी निंदनीय है। जिनकी जुबान पर अभी तक ताला लगा हुआ है, महिलाओ के सम्मान में बोलने की हिम्मत नहीं जुटा पा रहे हैं। क्या साधु-संतो का यही चरित्र है?

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